कुमार सानू
90 के दशक के सुरों के सरताज कुमार सानू के बारे में आप सभी अच्छी तरह जानते होंगे कुमार सानू ने अपने म्यूजिक करियर में एक से बढ़कर एक गाने इंडस्ट्रीज को दिए हैं। देखा जाए तो 90 के दशक का कोई ही ऐसा सितारा होगा जो कुमार सानू की आवाज पर ना थिरका हो। आज के समय में भी जब-जब पुराने गानों की बात की जाती है तो कुमार सानू का नाम जरुर लिया जाता है आपको बता दें कि सुरों के सरताज कुमार सानू को मेलॉडी किंग भी कहा जाता है।
संगीतकारों के परिवार कोलकाता में जन्मे कुमार सानू ने 1990 में आशिकी के चार्टबस्टर साउंडट्रैक में अपनी सुरीली आवाज से सभी लोगों को अपना दीवाना बना लिया था। इसके बाद सिंगर ने हर तरह के गानों को अपनी आवाज से बहुत ही खूबसूरत और मधुर बना दिया फिर चाहे वह गाने प्यार भरे हो या दिल टूटने वाले। हर तरह के गाने में उनकी आवाज लोगों को बहुत पसंद आने लगी थी और 90 के दशक के गाने सुनने वाले और उस दौरान की जनरेशन के लिए कुमार सानू की आवाज सभी मौसम और परेशानियों से राहत देने वाली बाम की तरह काम करने लगी थी।
कुमार सानू हाल ही में अपने 35 साल के विशाल कैरियर को सेलिब्रेट करते हुए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि यह काफी फनी है लेकिन मैं बहुत कम अपने गाने सुनता हूं। कुमार सानू ने अपने करियर के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि उनके गाने की जड़े उनकी मामूली की परवरिश और उनकी जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर से जुड़ी हुई है। और आज के दौर के गाने अब सिंगर को कुछ खास पसंद नहीं आते हैं।
कुमार सानू ने इंटरव्यू के दौरान अपनी बात को पूरा करते हुए बताया कि वह आज भी लता जी के पुराने गाने और किशोर कुमार तथा रफी के गाने सुनना बहुत पसंद करते हैं। और वह अपने गाने सुनने से परहेज करते हैं। और वह कुछ अंग्रेजी गाने सुनते हैं। लेकिन वह आज के हिंदी गाने सुनना बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं क्योंकि उनका कहना है कि वह सुनने लायक होते भी नहीं है। इसीलिए वह ना तो इन गानों को सुनते हैं और ना ही उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी है। आपको बता दें कि इस इंटरव्यू के दौरान सिंगर कुमार सानू ने यह भी बताया है कि उन्होंने अब तक 21 हजार से भी ज्यादा गाने गाए हैं और उन्होंने अलग-अलग 26 भाषाओं में गाने गाए हैं और उनका यह कहना है कि उनके हजार दो हजार गाने अभी भी मिसिंग है।