बीपी
आपको बता दें कि अगर आप भी हाई बीपी की समस्या से परेशान है तो आपको किडनी की सेहत का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी है क्योंकि हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि ब्लड प्रेशर का बढ़ना और नियमित रूप से इस समस्या का बने रहना किडनी के स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है और किडनी से जुड़ी बीमारियों का कारण भी बन सकता है कई मामलों में किडनी के फिल्टर करने के प्रोसेस में भी परेशानी आने लगती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस समस्या के शुरुआती लक्षणों का पता नहीं चलता है और धीरे-धीरे किडनी खराब होने लग जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर की वजह से किडनी के अपशिष्ट पदार्थों और ब्लड से अतिरिक्त तरल पदार्थ को फिल्टर करने की उनकी क्षमता प्रभावित हो सकती है। बता दें कि समय के साथ-साथ यह परेशानी क्रोनिक किडनी डिजीज का भी कारण बन सकती है। अगर पहले से ही किसी को किडनी से जुड़ी बीमारी है और उसका बीपी बढ़ रहा है तो इसकी वजह से उसकी किडनी भी काफी कमजोर हो सकती है।
* क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट :
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि हाइपरटेंशन की बीमारी क्रॉनिक किडनी बीमारी का कारण बन सकती है बढ़ती उम्र में इस समस्या का खतरा काफी ज्यादा होता है कुछ मामलों में हाई बीपी धमनी स्टेनोसिस का कारण भी बन सकता है। यह समस्या तब होती है जब किडनी को ब्लड की आपूर्ति करने वाली धमनियां सिकुड़ने लगती है जो अक्सर एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण होता है।
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि गंभीर स्थिति में पीड़ित व्यक्ति ईएसआरडी का शिकार भी हो सकता है। ये क्रोनिक किडनी डिजीज का अंतिम चरण माना जाता है। ऐसी स्थिति में किडनी पर्याप्त रूप से कार्य करने की क्षमता गवा देती है इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति की किडनी भी फेल हो सकती है। इसलिए हाई बीपी की समस्या से पीड़ित लोगों को अपनी सेहत का ख्याल ध्यान रखना चाहिए खासकर 50 से अधिक उम्र वालों को इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
* इस तरह करें बचाव :
आपको बता दें की सीकेडी की प्रगति को रोकने या धीमा करने के लिए हाई बीपी को कंट्रोल करना जरूरी होता है। इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव और नियमित रूप से बीपी की जांच जरूर करवानी चाहिए ऐसा करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में बना रहता है और किडनी से जुड़ी बीमारियां होने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है।