अमरनाथ यात्रा 2023
बाबा बर्फानी यानी की अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 1 जुलाई से हो चुकी है और भक्तों का पहला जत्था भी अमरनाथ की ओर रवाना हो चुका है हर साल यहां हजारों लाखों में भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद लेने को आते है और अमरनाथ यात्रा के लिए भक्त पूरे साल इंतजार करते है और हिंदू के पवित्र स्थलों में इसे गिना जाता है।
अमरनाथ की गुफा श्रीनगर से 135 किमी दूर समुद्रतल से 13600 फीट की ऊंचाई पर है और यहां आकर भगवान शिव के स्वयंभू शिवलिंगमय के दर्शन आप कर सकते है यहां का सफर वैसे तो बेहद ही कठिन है जिसके चलते इसकी यात्रा को काफी कठिन माना गया है लेकिन क्या आपको पता है आखिर किसन बाबा बर्फानी के पहले दर्शन किए थे
क्या कहती है पौराणिक कथा
कहा जाता है कि अमरनाथ गुफा के पहले दर्शन महर्षि भृगु द्वार किया था एक कथा की माने तो एक बार कश्मीर घाटी पूरी तरह से पानी में डूब गई थी उस दौरान महर्षि कश्यप ने नदियों और नालों के जरिए पानी को बाहर निकालने की कोशिश की थी और जिस समय घाटी से पानी को बाहर निकाला गया उस दौरान महर्षि भुगृ हिमालय की यात्रा करते हुए उसी रास्ते से निकल रहे थे उन्हे तपस्ता करने की किसी शांत जगह की तलाश थी ऐसे में वो खोज करते हुए अमरनाथ गुफा में पहुंच गए जहां उन्हे बाबा बर्फानी के दर्शन हुए तभी से हर साल अमरनाथ की पवित्र गुफा का दर्शन के लिए भक्त यहां आते है।
क्या है दूसरी कहानी
अमरनाथ गुफा से दर्शन से जुड़ी एक ओर कहानी है एक बूटा मालिक के चरवाहे ने खोजा था कहा जाता है 15वीं शताब्दी में बूटा बालिक को एक संत ने कोयले से बरा बैग दिया था जब वे थेले को लेकर वापस लौटा तो उसमें कोयले की जगह सोने के सिक्के थे बूटा ये देखकर हैरान था और संत धन्यवाद करने के लिए वो जब उस जगह पहुंचा तो वहां कोई संत नहीं था और वहां शिवलिंग की एक गुफा मिली कहते है तभी से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हुई।