खजुराहो के मंदिर
खुजराहो भारत का मशहूर पर्यटन स्थल है और ये बेहद ही खास है मध्यप्रदेश के छतपुर जिले में प्राचीन मंदिर है जो बेहद ही खूबसूरत है ये दुनियाभर के पर्यटकों के लिए एक खास जगह है जहां लोग घूमने को आते है यहां की नकक्काशी और खूबसूरती आपको बेहद ही पंसद आएगा और आफको यहां मंदिर में घूमने का अलग ही मजा आएगा और आप यहां जमकर अपनी ट्रिप कर सकते है। कहते है कि चंदेल राजाओं ने मंदिरों में यह मूर्तियां बनाई ती लेकिन क्यों यह रहस्य है इस मंदिर की दीवारों पर आपको रति क्रीडा, नृत्य मुद्राएं अध्यात्म और प्रेस रस की प्रतिमाएं नजर आएंगी और इसको लेकर भी लोगों की अपनी अलग राय है।
विश्व धरोहर में शामिल
इस जगह की बात करें तो ये मंदिर बेहद ही खास है और भव्यता और सुंदरता इसकी बेहद अनोखी है ये मंदिर विश्व धरोहर में शामिल है और इस मंदिर में बनी कामुक मूर्तियों का कई बार विरोध भी हुआ है यहां कामकाला के आसनों में दर्शाए गए है स्त्री और पुरुष के चेहरे पर अश्लीलता का भाव तक नहीं दिखता है ये मंदिर अपनी मूर्तियों के लिए जाना जाता है।
मंदिर में क्यों बनाई गई है मैथनी मूर्तियां
बता दें इन मुर्तियों को देखकर लोगों में कई तरह के सवाल आते है मंदिर जैसी जगह पर आखिर ऐसी मूर्तिया क्यों है और मूर्तियों के बनाने के पीछे का मकसद आखिर क्या है और मूर्तिया बनाते समय धर्मगुरुओं ने क्या इनका विरोध नहीं किया जबकि इस मंदिर का कामसूत्र से कोई संबंध नहीं है इसके पीछे एक राज है।
क्या है मुर्तियों का राज
मंदिर की मूर्तियों में अष्ठ मैथुन का सजीव चित्रण है 22 मंदिरों में से एक कंदारिया महादेव मंदिर काम शिक्षा के लिए काफी है इस मंदिर का निर्माण राजा विद्धाधर ने मोहम्मद गजनवी को दूसरी बर परास्त करने के बाद बनाया था बाहर दीवारोंपर नर-किन्नर देवी देवता और प्रेमी युगल के सुंदर चित्र है बीच की दीवारों क आपको अनोखे मैथुन दृश्य देखने को मिलेंगे।
क्या रही मान्यता
अगर बात करे तो यहां राजाओं के समय में तांत्रिक समुदाय की वाममार्गी शाखा का वर्चस्व था लोग योग और भोग दोनों के लिए मोक्ष साधना मानते थे मूर्तियां उनके क्रियाकलापों की ही देन है शास्त्रों की माने तो संभोग भी मोक्ष प्राप्ती करने का एक साधन हो सकता है लेकिन यह बात सिर्फ उन लोगं पर लागू होती है जो सच में ही मुमुक्षु है।