भगवान जगन्नाथ
पूरे देश में गर्मी का सिमत है और कई राज्यों में गर्मी से हाहाकार मचा है लेकि हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बता रहे है जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा है बता दें हम बात कर रहे है भगवान जगन्नाथ की जो इस वक्त बीमार हो गए है भक्त उनके दर्शन नहीं कर पा रहे है आप सोच रहे होंगे कि आखिर भगवान जगन्नाथ बीमार होने की ये कैसी परंपरा है तो हम आपको इसके बारे में जानकारी देंगे।
कहते है कि इस दिन भगवान का स्नान किया जाता है और वो 15 दिन के लिए बीमार पड़ जाते है धार्मिक मान्यता है कि 15 दिन के लिए काढ़ा दिया जाता है और सेवन के बाद जगन्नाथ स्वस्थ हो जाते है जगन्नाथ को भोग के बाद खास काढ़े को प्रसाद के रुप मे भक्तों को दिया जाता है।
भगवान को स्नान कराने से हो जाते है बीमार
कहते है कि मंदिर काफी अधिक पुराना है और जब ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सूर्यास्त से आधी रात भगवान को स्नान कराने की बारी आती है तो 15 दिन के लिए जगन्नाथ बीमार हो जाते है और इन दिनों में फिर वो आराम करते है भक्त भी इस दौरान भगवान के दर्शन नहीं कर पाते और इलाज के लिए उन्हे उस 15 दिनों तक के लिए काढ़ा दिया जाता है भगवान के दर्शन के लिए लोग दूर दराज से आते है जब भगवान बीमार होते है तो दूर से ही माथा टेकते है।
ऐसे तैयार होता है काढ़ा
वहीं बात करे तो भगवान जगन्नाथ को चढाने वाले काढ़ा खास होता है इस काढ़े में काली मिर्च. इलायची पाउडर, तुलसी और मुलेटी होता है और गुलाब जल मिलाया जाता है और फिर काढा बनाया जाता है ऐसा करने से इसे चमत्कारी काढ़ा कहते है बता दें 14 तारीख से 15 दिन बाद यानी 18 जून को अमावस्या को भगवान भक्तों को दर्शन देते है