वृंदावन जगन्नाथ मंदिर
इंटरनेट डेस्क। श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन घूमने के लिए बेहद ही खास है अगर आप ब्रज भूमि पर आपने कई हजारों मंदिर देख सकते है हर मंदिर की अपनी अलग ही कहानी है और मंदिर में बगवान की पूजा करने का तरीका और उसकी परंपरा भी काफी अलग है लेकिन हम आपको भगवान पूरी दुनिया के कष्ट हरते है लेकिन अगर वो ही बीमार पड़ जाए तब क्या होगा अगर आप सोच रहे है कि हम ये कैसे बता रहे है तो बता दें कि वृंदावन में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान 16 दिन के लिए बीमार पड़ जाते है इसमें भगवान भक्तों को दर्शन भी नहीं देते है। बता दें ये मंदिर बेहद की खास है और वृंदावन के परिक्रमा रोड ज्ञानगुदड़ी के पास मौजूद ये जगह काफी खास है और श्रीजगन्नाथ मंदिर पूरी की तरह यात्रा निकाली जाती है लेकिन रथ से पहले ही इस मंदिर में भगवान बीमार हो जाते है
नदियों और समुंद्र के पानी से होती है तबियत ठीक
मंदिर के महंत का कहना है कि रथ यात्रा से करीबन 16 दिन पहल मदिर में भगवान की स्नान यात्रा निकाली जाती है इस मंदिर में स्थापित भगवान जगन्नाथ, बलभद्र औ सुभद्रा को दश भर की नदियों और समुद्र जल से नहलाया जाता है इसकी वजह से भगवान की तबियत खराब हो जाती है इसके बाद भगवान गणेश रुप में आकर वो विश्राम करते है जब भगान की तबियत खराब रहती है तो उनके दर्शन भी बंद कर दिए जाते है भगवान की तबियत ठीक करन के लिए औषधियों का इस्तेमाल होता है।
औषधियों से की जाती है तबियत ठीक
भगवान की तबियत खराब रहती है उस दौरान उन्हे चावल का भोग भी नहीं लगाया जाता है 16 दिन बाद सूर्यास्त के समय भगवान का दूध और दही और घी के साथ अन्य चीजों से उनका अभिषेक होता है इसके बाद भगवान को गाय के दर्शन भी कराए जाते है फिर इसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए कपाट खोले जाते है दोपहर के समय भगवान जगन्नाथ अपने बाई बहन बलभद्र और सुभद्रा के साथ चंदन के बन रथों पर बैठकर वृंदावन में सैर करते है ।