तिरुपती बालाजी मंदिर
तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में गिना जाता है जहां हर दिन हजारों लोग आते है ये मंदिर धार्मिक स्थल में शामिल है और बेहद पवित्र मंदिर में गिना जाता है आंद्र प्रदेश के तुरपति जिले के पहाड़ी में ये जगह मौजूद है जो भगवान विष्णु के अवतार वेंकटेश्वर को समर्पित है कहा जाता है कि हिंदू पौराणिक कथाओं की माने तो भगवान वेंकटेश्वर मानवता को कलियुग की कठिनाइयों से मुक्ति दिलाने के लिए ये अवतार लिया था इन्हे कलियुग के वैकुंठम के रुम में भी जाना जाता है ।
तिरुपति बालाजी का रहस्य
भगवान तिरुपति बालाजी की जो मूर्ति रखी गई है वह गर्भग्रह के मध्य में खड़ी हुई प्रतीत हो सकती है लेकिन ये मूर्ति वास्तव में गरबा गुडी के दाहिने कोने की ओर थोड़ी सी है. तिरुपति बालाजी मंदिर का नाम सबसे अमीर मंदिर में आता है और यहां करोडों की संख्या में श्रद्धालु आते है जिससे इसने टूरिस्ट रिकॉर्ड भी तोड़े है।तिरुपति बालाजी मंदिर गर्भग्रह में देवता की मूर्ति के सामने रखे गए मिट्टी के दीपक भी बुझते नहीं है ये दीपक कब जलाए गए किसने जलाए इसके बारे में कोई नहीं जानता है।आज भी मुख्य मूर्ति की पीठ पर अपना कान लगाते है तो आपको एक गरजने हुए समुद्र की आवाज सुनाई देगी
कहा जाता है कि यह मूर्ति इतनी मजबूत है कि कभी क्षतिग्रस्त नहीं हो सकती है जब सिनामोमम कैम्फोरा पेड के कच्चा कपूर या हरा कपूर किसी पत्थर पर लगाया जाता है तो इससे वस्तु पर दरार आ जाती है लेकिन श्री तिरुपती बालाजी की मूर्ति पर कपूर की अस्थिर रसायनिक प्रतिक्रियाओं को कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।भगवान वेंकटेश्वर का अभिषेक करने के लिए उपयोग की जाने वाली वस्तुएं केवल जगंल से एकत्र की जाती है।हिंदू मंदिरों में भक्तों द्वारा चढाए गए पैसों में करोडों की विदेशी मुद्रा होती है आरबीआई उस पैसे को बदलने में टीटीडी बोर्ड की मदद करता है।