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प्रधानमंत्री मोदी ने डीआरडीओ को दी निर्माण क्षमता पर फोकस करने की सलाह

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमानों की डिजाइन फाइनल होने के बाद दो इंजन वाले उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) की मंजूरी के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) को प्रस्ताव भेज दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीआरडीओ को मुख्य निर्माण क्षमता पर ध्यान केंद्रित करने, देरी और लागत में वृद्धि से बचने के लिए कहा है। एएमसीए का पहला प्रोटोटाइप 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है।

सीसीएस से पांचवीं पीढ़ी के 4 एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) प्रोटोटाइप के लिए मंजूरी मिलना बाकी है। वैसे तो इस तरह के लड़ाकू विमान बेहद खास विशेषताओं के कारण महंगे हैं, लेकिन भारत का स्वदेशी एएमसीए विदेशी विमानों की तुलना में कम महंगा होगा। साथ ही स्वदेशी उपकरणों और प्रणालियों के साथ ये विमान 'आत्मनिर्भर भारत' की पहचान होंगे। एएमसीए की डिजाइन एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने फाइनल कर दी है, जिसके बाद फंडिंग के लिए सीसीएस से संपर्क करने का डीआरडीओ का फैसला ऐसे समय में आया है, जब पीएम मोदी ने संगठन को अपनी मुख्य क्षमता पर ध्यान केंद्रित करने और समय की देरी और लागत में वृद्धि से बचने के लिए कहा है।

भारत में जीई-414 इंजनों के प्रौद्योगिकी उत्पादन के 100 प्रतिशत हस्तांतरण के लिए भारत-अमेरिका वार्ता चल रही है, क्योंकि डीआरडीओ ने एलसीए तेजस मार्क-II और एएमसीए दोनों को एक ही इंजन से चलाने का फैसला किया है। इस साल मई-जून में फ्रांस में एयर इनटेक टेस्ट सर्टिफिकेशन पूरा होने के बाद जीई-414 इंजन के साथ एलसीए तेजस मार्क-II के अगले साल रोल आउट होने की उम्मीद है। चूंकि मार्क-II का सर्टिफिकेशन मार्क-I के समान है, इसलिए डीआरडीओ सर्टिफिकेशन होने के बाद अगले वर्ष तक एलसीए का पहला प्रोटोटाइप तैयार करने के बारे में आश्वस्त है।

दरअसल, भारत ने पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) की डिजाइन फाइनल कर ली है। वायुसेना ने भी तमाम तरह के परीक्षण करने के बाद लड़ाकू एएमसीए की डिजाइन को हरी झंडी दे दी है। विमान के कई हिस्से पहले ही बनाए जा चुके हैं। शुरू में कुल चार प्रोटोटाइप बनाकर इसकी पहली उड़ान 2026 में तय की गई है। यानी तब पांचवीं पीढ़ी का स्वदेशी लड़ाकू विमान भारतीय आसमान में उतरकर दुश्मनों के बीच नई हलचल पैदा करेगा। इसके बाद वायुसेना के कई परीक्षणों से गुजरने के बाद 2029 में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। एएमसीए के डिजाइन और प्रोटोटाइप विकास के लिए सीसीएस की मंजूरी मिलने के बाद एएमसीए के प्रोटोटाइप का निर्माण होने की प्रक्रिया तेज होगी।

AUTHOR :Parul Kumari

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