You will be redirected to an external website

बीज उत्पादन के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की सराहना

जी—20 के कृषि प्रमुख वैज्ञानिक (एमएसीएस)

तीन दिवसीय जी—20 के कृषि प्रमुख वैज्ञानिकों (एमएसीएस) की दूसरे दिन मंगलवार की बैठक में "सस्टेनेबल एग्रीकल्चर एंड फूड सिस्टम फॉर हेल्दी पीपल एंड प्लैनेट" विषय पर गहन चर्चा हुई। जी—20 के 100वीं बैठक का उद्घाटन केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं सड़क परिवहन तथा राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. सिंह ने किया । दूसरे दिन की बैठक में श्री अन्न और अन्य प्राचीन अनाजों के उत्पादन एवं पोषणीय लाभ के प्रति शोध एवं जागरूकता पर भारत की ओर से अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान पहल “महर्षि” पर चर्चा करने के लिए एक सत्र आयोजित किया गया। जी—20 राष्ट्रों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने महर्षि पहल का खलुकर समर्थन किया। प्रतिनिधियों ने कहा कि श्री अन्न (मिलेट्स) जलवायु अनुकूल एवं पोषणीय फसलें हैं, अतः इन मोटे अनाजों पर अनुसंधान वैश्विक स्तर पर किया जा सके।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक और अध्यक्ष एवं सीईओ, आईएनआरएई - राष्ट्रीय कृषि, खाद्य एवं पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (फ्रांस) फिलिप माउगिन ने भारत और फ्रांस की बैठक में अपने संबंधित प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व किया।

दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन, फसल विविधीकरण, मिट्टी तथा जल संरक्षण, प्राकृतिक खेती और बायोफोर्टिफाइड फसलों से संबंधित विषयों पर सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई। इसके बाद कृषि अनुसंधान एवं विकास में डिजिटल कृषि और सतत् कृषि मूल्य श्रृंखला तथा सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. हिमांशु पाठक ने किया। प्रथम सत्र में डिजिटल कृषि तथा ट्रेसबिलिटी पर आधारित फसल एवं खाद्य क्षति को कम करने के लिए डिजिटल तकनीकी द्वारा समाधान; एग्री-टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम; बहुआयामी कृषि विस्तार और सलाहकार सेवाएं (ईएएस), प्रयोगशाला से भूमि और आउटरीच में सुधार के लिए भागीदारी, छोटे किसान और परिवारिक खेती, जी—20- कृषि-अनुसंधान एवं विकास के लिए वैश्विक दक्षिण सहयोग, सार्वजनिक वस्तुओं के लिए सार्वजनिक-निजी कृषि-अनुसंधान एवं विकास, नवाचार सृजन के क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।

इसके पहले इस बैठक में महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक ने कहा कि किसानों तक कृषि संबंधी विस्तार सेवाओं को प्रभावी ढ़ंग से पहुंचाने में केवीके का सहयोग अति महत्वपूर्ण होगा। एफएओ के प्रतिनिधियों ने भी कृषि विस्तार सेवा में सहयोग बढ़ाने में गहरी दिलचस्पी दिखाई। इस बैठक में एफएओ के मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. इश्महाने एलौफी तथा एफएओ के वरिष्ठ कृषि अधिकारी डॉ. सेलवाराजू रामास्वामी ने भाग लिया।

बैठक में प्रतिनिधियों ने बीज उत्पादन के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की सराहना की और कहा कि भारत की अन्य देशों के लिए बीज उत्पादन के क्षेत्र में बहुत बड़ी भूमिका होगी। इस बैठक में जी—20 के सदस्य देशों के 80 प्रतिनिधियों के अलावा आमंत्रित अतिथि देश, अंतर्राष्ट्रीय संगठन और भारत द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्य भाग ले रहे हैं। जी—20 समिट में अन्तिम दिन एमएसीएस कम्यूनिक पर विचार-विमर्श होगा।

AUTHOR :Parul Kumari

अमृतसर-में-पुलिस-से-भिड़े-हजारों-खालिस्तान-समर्थक,-अपने-साथी-के-विरोध-में-उठाये-बंदूक-व-तलवार Read Previous

अमृतसर में पुलिस से भिड़...

Read Next

नेपाल में एक्सप्रेस हाई...