असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू मिले अमित शाह से
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि असम और अरुणाचल प्रदेश सीमा विवाद सुलझ जाने से विकास के नये आयामों को गति मिलेगी। शाह ने गुरुवार को पूर्वोत्तर के दो राज्य असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच करीब 800 किमी लंबी सीमा से जुड़े विवाद के समाधान करने के लिए हुए करार के बाद दोनों मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और पेमा खांडू को बधाई दी।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने आज नार्थ ब्लॉक में स्थित गृह मंत्री के कार्यालय पहुंचकर गृह मंत्री शाह की उपस्थिति में राज्य के सीमा विवाद को खत्म करते हुए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों मुख्यमंत्री व दोनों राज्यों की जनता को बधाई देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर भारत के लिए यह ऐतिहासिक पल है। वर्ष 1972 से लेकर आजतक जिस सीमा विवाद को सुलझाया नहीं जा सका था, उसे आज सुलझा लिया गया है। शाह ने कहा कि लोकल कमिशन की रिपोर्ट 1972 से अबतक अलग-अलग सरकारों में अदालतों में विवाद में फंसी रही। लंबे समय से कोई समाधान नहीं निकल रहा था लेकिन आज दोनों राज्यों ने सर्वसम्मति से इस विवाद को सुलझा कर ऐतिहासिक कार्य किया है।
दोनों राज्यों के बीच अंतर्राज्यीय सीमा से सटे 123 गांवों से संबंधित विवाद की समाप्ति के लिए आज समझौता हुआ है। समझौते में ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, जनसांख्यिकीय प्रोफाइल, प्रशासनिक सुविधा, सीमा से निकटता और निवासियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखा गया है।
समझौते के तहत दोनों राज्य सरकारों में इस बात पर सहमति बन गई है कि करीब 800 किलोमीटर लंबी दोनों राज्यों के बीच की सीमा के संबंध में यह समझौता पूर्ण और अंतिम होगा और दोनों पक्षों द्वारा भविष्य में किसी भी क्षेत्र या गांव से संबंधित कोई नया दावा पेश नहीं किया जाएगा। समझौते के बाद सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा दोनों राज्यों की सीमाओं के सटीक निर्धारण के लिए दोनों राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में विस्तृत सर्वेक्षण किया जाएगा।
शाह ने कहा कि यह कदम पीएम मोदी के विकसित पूर्वोत्तर के सपने को साकार करने वाला कदम है। यह शांत पूर्वोत्तर और विवाद रहित पूर्वोत्तर के सपने को साकार करेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र में मोदी की सरकार आने के बाद से पूर्वोत्तर राज्यों के विकास को प्राथमिकता दी गई है। यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है। सीमावर्ती गांवों का विकास किया जा रहा है। बीते वर्षों में पूर्वोत्तर के राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) के दायरे को कम किया गया है। पूर्वोत्तर की शांति के लिए बोडो समस्या का समाधान किया गया,एनएलएफटी गुट के साथ शांति समझौता किया गया, कार्बी एंगलोंग समझौता किया गया और असम-मेघालय सीमा विवाद सुलझाया गया।
शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में आठ हजार से अधिक युवा हथियार छोड़कर मुख्यधारा से जुड़े हैं। वहां हिंसा में लगातार कमी आ रही है। सुरक्षा बलों की मौत में 60 फीसदी की कमी आई है। नागरिकों की मृत्यू में 83 फीसदी की कमी आई है। यह बड़ी उपलब्धि है। असम में 70 फीसदी क्षेत्र अफस्पा मुक्त हो चुका है। मणिपुर के छह जिलों के 15 पुलिस स्टेशन को अफस्पा मुक्त किया गया, अरुणाचल में सिर्फ तीन जिलों में अफस्पा कानून बचा है। नागालैंड के सात जिलों से अफस्पा हटाया गया है। त्रिपुरा और मेघालय अफस्पा मुक्त हो चुके हैं।
एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पीएम मोदी और गृह मंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह दोनों राज्यों के लिए ऐतिहासिक दिन है। इस समझौते में सभी की सहमति है। खांडू ने कहा कि वह इस समझौते को मूर्तरूप देने में लगे सभी लोगों को धन्यवाद देते हैं।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने भी पीएम मोदी और अमित शाह को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस समस्या को सुलझाने में केन्द्रीय गृह मंत्री ने अहम भूमिका निभाई है। उनका नियमित मार्गदर्शन मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए सीमावर्ती 123 गांवों से संवाद किया गया। संवाद के लिए क्षेत्रीय समिति बनाई गई। सभी से चर्चा-परिचर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है। अपने संबोधन के दौरान सीएम हिमंता ने अरुणाचल के मुख्यमंत्री खांडू के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जोरहाट जिले के विवाद को निपटाने में मुख्यमंत्री खांडू ने अहम भूमिका निभाई है। अब यह जिला पूर्णरूप से असम का हिस्सा होगा।