संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और 60 से अधिक नागरिक-
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि असम में निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के संबंध में सूचना, सुझाव, परामर्श और आपत्तियां आगामी 15 अप्रैल तक प्रस्तुत की जा सकती हैं। चुनाव आयोग ने साफ किया कि निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण नवीनतम जनगणना के अनुसार ही किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और 60 से अधिक नागरिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। पत्रकारों को उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल तक कोई भी व्यक्ति, संस्था या दल मेल के जरिए निर्वाचन क्षेत्र निर्धारण के संबंध में अपने सुझाव और आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण का कार्य जनप्रतिनिधि अधिनियम के आधार पर किया जाएगा। सामुदायिक पुनर्निर्धारण प्रक्रिया में बीटीआर, छठी अनुसूची के नियम भी लागू रहेंगे। यह वर्ष 2001 के बजाय नवीनतम जनगणना के अनुसार ही किया जाएगा। कुमार ने कहा कि इसके अलावा कई पार्टियां और संगठनों ने निर्वाचन क्षेत्र के विस्तार के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है।
इससे पहले चुनाव आयोग से नौ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों, तीन पंजीकृत दलों और 60 से अधिक नागरिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के मुलाकात का सुबह नौ बजे से दौर चला । उन्होंने चुनाव आयोग की टीम से मुलाकात कर अपने विचार और जानकारी साझा की और लोगों की आकांक्षाओं के बारे में चुनाव आयोग की टीम को सूचित किया। आयोग के स्वच्छ और स्वीकारयोग्य प्रक्रिया की सभी भागीदारी वाले पार्टी एवं संगठनों द्वारा सराहना की गई।
उल्लेखनीय यह पहली बार है कि चुनाव आयोग ने मसौदा प्रस्ताव तैयार करने से पहले हितधारकों के साथ बातचीत की। बैठक में भाजपा, अगप, आम आदमी पार्टी, भाकपा, माकपा, असम जातीय परिषद, पीपुल्स पार्टी, एआईयूडीएफ, तृणमूल कांग्रेस और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक से केवल कांग्रेस ने परहेज किया। बैठक में सत्तारूढ़ गठबंधन के अलावा पांच अन्य दलों ने निर्वाचन क्षेत्र के पुनर्गठन का विरोध किया।