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बेटियां कृषि और संबद्ध विज्ञान सहित अनेक क्षेत्रों में बढ़ रही हैं आगे : राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हरियाणा के हिसार जिले में स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। उन्होंने विद्यार्थियों को डिग्रियां एवं मेडल प्रदान किए। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि आज जिन विद्यार्थियों ने डिग्री और मेडल प्राप्त किए हैं, उनमें में से आधे से अधिक बेटियां हैं। यही नहीं, गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में भी 70 प्रतिशत से अधिक छात्राएं हैं। यह बहुत ही संतोष का विषय है कि हमारी बेटियां कृषि और संबद्ध विज्ञान सहित अनेक क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं।

समारोह में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, राज्य कृषि मंत्री जेपी दलाल भी उपस्थित रहे। विवि के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने सभी का स्वागत किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने समारोह की शुरुआत दीप प्रज्जवलित कर की।
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल डिग्री, पुरस्कार और पदक प्रदान करने का एक अवसर ही नहीं है, बल्कि अर्जित क्षमताओं के माध्यम से नई चुनौतियों को स्वीकार करने और अपने सपनों को साकार करने के लिए संकल्प लेने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए आज का दिन उनके शैक्षिक जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण है, लेकिन आज आपकी शिक्षा संपूर्ण नहीं हुई है, केवल इसका एक हिस्सा पूर्ण हुआ है। कृषि विज्ञान के एक विद्यार्थी के रूप में आपने जो भी सीखा है उसका व्यावहारिक उपयोग करने का अवसर अब आपके सामने होगा। अब आप अन्नदाता, किसान भाई-बहनों के साथ मिलकर कृषि के विकास में अपना योगदान देंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि वे जीवनपर्यंत जिज्ञासु बने रहें, सीखते रहें और विनम्रता के साथ कृषि जगत की सेवा करते रहें।
राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने ज्ञान और क्षमताओं के विस्तार के लिए दुनिया भर के नवीनतम नवाचारों से अवगत रहना होगा और उनका यह प्रयास देश को वैभवशाली राष्ट्र बनाने में सार्थक होगा। उन्होंने कहा कि बढ़ी जनसंख्या के बावजूद, आज भारत खाद्यान्न संकटग्रस्त देश से खाद्यान्न निर्यातक देश बन गया है। इसमें हमारे नीति-निर्माताओं, कृषि-वैज्ञानिकों और किसान भाइयों-बहनों का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके साथ ही आज कृषि के समक्ष बढ़ती जनसंख्या, सिकुड़ती कृषि भूमि, गिरते भूजल-स्तर, मिट्टी की घटती उर्वरता, जलवायु परिवर्तन जैसी अनेक चिंताएं उपस्थित हैं जिनका समाधान खोजना आप जैसे कृषि पेशेवरों का दायित्व है। आपको ऐसे प्रयास करने होंगे, जिससे हमारी विशाल जनसंख्या को, पर्यावरण और जैव-विविधता को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए, पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराया जा सके।



राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि हिसार का हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय अपने स्थापना के समय से ही कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। हरित क्रांति और श्वेत क्रांति की सफलता में भी एचएयू ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। आज हरियाणा केंद्रीय खाद्यान्न भंडार में दूसरा सबसे बड़ा योगदान देने वाला राज्य है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि का श्रेय केंद्र और राज्य सरकारों की किसान-हितैषी नीतियों, एचएयू की तकनीकी पहल और सबसे बढ़कर यहां के किसान भाइयों-बहनों की नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाने की इच्छा-शक्ति को जाता है। एचएयू ने कृषि शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर अपनी पहचान स्थापित की है। आज जब पूरा विश्व एक-दुसरे से जुड़ा हुआ है और पूरी मानवता ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है तो ऐसे में अंतरराष्ट्रीय सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने खुशी जताई कि यह विश्वविद्यालय कई देशों की संस्थाओं के साथ कृषि से जुड़े विषयों पर सहयोग कर रहा है।

AUTHOR :Parul Kumari

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