लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि भगवान धरणीधरजी ने विश्व के कल्याण और मानव के उत्थान के कार्यों को नई दिशा दी। उनकी शिक्षाओं पर चलते हुए ‘धरतीपुत्र’ धाकड़ समाज देश का अन्न भण्डार भरने तथा सीमाओं की रक्षा में अग्रणी योगदान दे रहा है। समाज के लोग जहां भी रहते हैं। सेवा और कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
वे सोमवार को नगरफोर्ट लघु पुष्कर मांडकला सरोवर तट स्थित धाकड़ समाज के आराध्य देव भगवान धरणीधर मंदिर में चल रहे नौ दिवसीय धरणीधर महायज्ञ और मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की पूर्णाहुति अवसर पर उन्होंने कहा कि धरणीधर भगवान शेषनाग के अवतार हैं, जिन्हें धरणीधर हलधर के नाम से जाने जाते हैं। किसानों के जीवन को परिवर्तन करने में धाकड़ समाज अग्रणी रहा है। धाकड़ समाज सत्य धर्म पर हमेशा चलता आ रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनकर शिवराज सिंह चौहान ने धाकड़ समाज का नाम रोशन किया है।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धाकड़ समाज के आराध्य देव भगवान धरणीधर महाराज शेषनाग के अवतार हैं। मुख्यमंत्री ने धाकड़ समाज से वचन लेते हुए कहा कि धरती हमारी माता है और मां को कभी नहीं बेचा करते। उन्होंने धाकड़ समाज से दोनों हाथ ऊपर उठवाकर वचन लिया कि कोई भी समाज का व्यक्ति अपनी जमीन नहीं बेचेगा। समाज का हर व्यक्ति अपने घर में भगवान धरणीधर की तस्वीर लगाकर रोज उनकी पूजा करेगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजगढ़ सांसद एवं अखिल भारतीय धाकड़ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोडमल नागर ने कहा कि हम एक साथ संकल्प लें कि धरती हमारी माता है। हमें हमारी माता को हर प्रकार से प्रयास कर बचाना है। उन्होंने खेतों में रासायनिक खाद के बजाय जैविक खेती करने का आह्वान किया। साथ ही, 4 जून को भोपाल में होने वाले धाकड़ समाज के महाधिवेशन में सभी को आने का निमंत्रण दिया।
इससे पूर्व, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक साथ मंदिर में धरणीधर भगवान के दर्शन कर आरती की। आचार्य प्रोफेसर भगवान सहाय शर्मा के सान्निध्य में चल रहे 9 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह के 9वें दिन हवन में यजमानों की ओर से पूर्णाहुति दी गई। आचार्य और पंडितों ने विधि विधान से भगवान धरणीधर की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। समारोह में नगरफोर्ट सहित आसपास के गांवों से हजारों श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ भाग लिया। पूरा मांडकला 9 दिवसीय समारोह के तहत धर्ममय बना रहा।