रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बैठक से अलग रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई के शोइगु के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों मंत्रियों ने सैन्य-से-सैन्य संबंधों के साथ-साथ औद्योगिक साझेदारी सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के मुद्दों को लेकर व्यापक चर्चा की। उन्होंने 'मेक इन इंडिया' पहल में रूसी रक्षा उद्योग की भागीदारी और इसे तेजी के साथ आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की।
दोनों मंत्रियों ने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के मामलों पर भी चर्चा की। उन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में निरंतर विश्वास और आपसी सम्मान पर संतोष व्यक्त किया और साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने भारत और रूस के बीच अद्वितीय, दीर्घकालिक और समय-परीक्षित संबंधों को स्वीकार किया। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने उज्बेकिस्तान, बेलारूस और किर्गिस्तान के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। तीनों रक्षा मंत्रियों के साथ आपसी हित के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। बैठकों के दौरान तीनों देशों के साथ रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए लाभकारी अवसरों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन बैठकों में सीडीएस जनरल अनिल चौहान और रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने भी मौजूद रहे।
द्विपक्षीय बैठकों के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ के महासचिव झांग मिंग से मुलाकात की। भारत की अध्यक्षता में शंघाई सहयोग संगठन की विभिन्न गतिविधियों पर चर्चा की गई। राजनाथ सिंह ने महासचिव को बताया कि भारत एससीओ के फैसलों के कार्यान्वयन में रचनात्मक योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत क्षेत्रीय सहयोग के एक मजबूत ढांचे की कल्पना करता है, जो सभी सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का परस्पर सम्मान रखने के साथ ही उनके वैध हितों का ध्यान रखता है।