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तृणमूल नेता विभास के फ्लैट में ईडी ने की छापेमारी

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बंगाल में शिक्षक नियुक्‍ति घोटाला

पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एक और तृणमूल नेता के घर छापेमारी की है। उसका नाम विभास अधिकारी है। वह कॉलेज टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज एसोसिएशन का अध्यक्ष था। कार्तिक बोस स्ट्रीट में उसका फ्लैट है जहां मंगलवार को ईडी अधिकारियों ने तलाशी अभियान चलाया है। हालांकि केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि फ्लैट को पहले ही सील कर दिया गया था।

शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार युवा तृणमूल नेता कुंतल घोष ने आरोप लगाया कि विभास भी भ्रष्टाचार में शामिल है। उसके बाद विभास के ऑफिस पर छापा मारा गया है। हालांकि, ईडी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया गया है।

शिक्षक भर्ती में ''भ्रष्टाचार'' के आरोपित तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने 15 अक्टूबर को कार्तिक बोस स्ट्रीट के फ्लैट की तलाशी ली थी। इसके बाद फ्लैट को सील कर दिया गया था। तब से फ्लैट बंद था।

विभास का दावा- कैलाश विजयवर्गीय से निकटता की वजह से फंसाया गया

राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में ईडी ने विभास अधिकारी नाम के नए नेता के फ्लैट में छापेमारी की है। इसके अलावा उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया गया है। इसे लेकर विभास ने दावा किया है कि वह भाजपा के वरिष्ठ नेता और बंगाल के प्रभारी रहे कैलाश विजयवर्गीय के करीबी थे इसीलिए उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है ताकि तृणमूल से जुड़े बाकी अपराधियों को बचाया जा सके। नलहटी के दो नंबर ब्लॉक से तृणमूल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विभास अधिकारी 2019 के लोकसभा चुनाव के समय भाजपा के करीब आ गए थे और कैलाश विजवर्गीय से उनके बेहद करीबी संबंध थे। मंगलवार को उनके घर ईडी की छापेमारी को लेकर विभास ने दावा किया है कि उनका किसी घोटाले से कोई लेना देना नहीं है।

उल्लेखनीय है कि विभास का नाम कुंतल घोष और गोपाल दलपति, दोनों ने अलग-अलग पूछताछ में लिया था। दावा किया गया था कि तापस मंडल की तरह वह भी एक एजेंट था और कई लोगों को गैरकानूनी तरीके से शिक्षक की नौकरी दिलवा चुका है। खास बात यह है कि बीरभूम में विभास का एक आश्रम है। कहां गरीबों और अनाथों की मदद की जाती है। इसे लेकर विभास ने दावा किया कि मेरे आश्रम में कैलाश विजवर्गीय तीन चार बार गए हैं। वह मेरे शुभचिंतक थे। भाजपा से मेरे करीबी संबंधों की वजह से ही अब मामले को दूसरी ओर मोड़कर मुझे फंसाने की कोशिश हो रही है।

AUTHOR :Parul Kumari

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