मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग से मांग की है कि आयोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाए। प्रधानमंत्री खुल कर बोल रहे हैं, कोई इशारा भी नहीं कर रहे हैं। जबकि यह साफ है कि चुनावों में धार्मिक मुद्दे को बीच में नहीं लाया जा सकता है, जो लाता है उसका चुनाव रद्द करने कर भी नियम है। मुख्यमंत्री ने यह बात शनिवार को अपने निवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान बजरंग दल और हनुमानजी की एन्ट्री को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही।
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देने के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि देश में कानून की धज्जियां उड़ रही है। खड़गे को धमकी देने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई जांच कार्रवाई कराने की बात नहीं कही। वहीं गृहमंत्री अमित शाह इस मामले की निंदा नही कर पा रहे है। इलेक्शन कमीशन मौन धारण किए हुए है। राजस्थान के भाजपा विधायक मदन दिलावर उनकी मौत की कामना करते है। मैं 50 साल से राजनीति कर रहा हूं। मैंने कभी ऐसी भाषा नहीं देखी। कांग्रेस की ऐसी भाषा हो भी नहीं सकती है। यह भाषा भाजपा की है।
धार्मिक संगठनों पर राजस्थान में बैन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल यह है कि, किसी संगठन या एनजीओ की भूमिका क्या है? जब तोगड़िया जी त्रिशूल बांट रहे थे, माहौल बिगड़ा, तो हमें मजबूर होकर उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा। लोग अब समझने लगे हैं, भाजपा ध्रुवीकरण में असफल हो गई है।
गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी देश की सम्मानीय महिला है। जिनके लिए सभी के मन में बहुत इज्जत है। वह स्वयं कभी प्रधानमंत्री नहीं बनी। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने। लेकिन, आज ये कहते है कि वह पाकिस्तान और चाइना की एजेंट है। आज चुनाव किस लेवल पर आ गए है। देश के हालात गंभीर होते जा रहे है। लेकिन हम हमारी ड्यूटी करेंगे। अगर हमें जन आंदोलन भी करना पड़ा तो करेंगे। देश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दिल्ली में जंतर मंतर पर पहलवान बेटियां धरने पर बैठी है। न्याय की मांग कर रही है। लेकिन, उनकी ओर से मुकदमों को दर्ज नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल देना पड़ा। जबकि, राजस्थान में तो हमने एफआईआर कंपलसरी कर रखी है। अगर कोई थानाधिकारी ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने कहा कि 10 मई को पीएम राजस्थान आ रहे हैं, तो मैं उन्हें उनसे इसी धरती पर किए गए ईआरसीपी समेत अन्य वादे याद दिलाउंगा। प्रधानमंत्री को आज ही दो पत्र लिख रहा हूं, इनमें मारवाड़ से मावली के बीच ब्रॉडगेज के लिए हैं और दूसरा पत्र राजस्थान की विभिन्न मांगों के संबंध में याद दिलाने के लिए हैं। मारवाड़ से मावली के अलावा कई अन्य रेल मार्ग ब्राॅडगेज की कतार में है। ईआरसीपी को लेकर भी हम कई बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन केन्द्र सरकार कोई रूचि नहीं दिखा रही है।