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सहकारिता का स्ट्रक्चर मजबूत होने से किसान हो रहा समृद्ध: अमित शाह

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केन्द्रीय मंत्री अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश आज़ाद होने के बाद से लगातार अलग सहकारिता मंत्रालय की मांग उठती रही और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता क्षेत्र से जुड़े लोगों की इस मांग को पूरा करते हुए केन्द्रीय स्तर पर सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। सहकारिता का स्ट्रक्चर मजबूत होने से केन्द्र की योजनाएं आसानी से सभी तक पहुंच सकेंगी और इससे किसान समृद्ध हो रहा है।

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने गुजरात के जूनागढ़ में ज़िला बैंक मुख्यालय का शिलान्यास एवं कृषि शिविर में एपीएमसी किसान भवन का उद्घाटन समारोह काे संबोधित कर रहे थे। अमित शाह ने कहा कि कई उतार-चढ़ाव के बाद जूनागढ़ जिला सहकारी बैंक का यह वर्तमान स्वरूप सामने आया है। जो किसान प्राकृतिक खेती में लगे हैं, उन्हें अपनी पैदावार के अच्छे दाम मिलेंगे। शाह ने कहा कि देश आज़ाद होने के बाद से लगातार अलग सहकारिता मंत्रालय की मांग उठती रही और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता क्षेत्र से जुड़े लोगों की इस मांग को पूरा करते हुए केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय का गठन किया।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती आने वाले दिनों में धरती माता की सेवा करने का एकमात्र विकल्प बचेगा, क्योंकि लगातार डीएपी और यूरिया का उपयोग होने से 25 सालों बाद यह धरती कंक्रीट जैसी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि केंचुए जैसे पॉज़िटिव बैक्टीरिया को डीएपी और यूरिया ख़त्म कर देते हैं और जिनके खेत में पॉजिटिव बैक्टिरिया होते हैं। उनके खेत में कभी जीवाश्म की समस्या नहीं आती, किसी भी प्रकार के इनसेक्ट नहीं आते और किसी भी प्रकार के कीटनाशक के छिड़काव की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अब लाखों किसान प्राकृतिक कृषि को अपना रहे हैं और उन्हें इसका फायदा भी मिल रहा है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाने का अभियान चलाया है।

तीन राष्ट्रीय स्तर की बहुराज्यीय कोऑपरेटिव सोसायटी की स्थापना
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए तीन राष्ट्रीय स्तर की बहुराज्यीय कोऑपरेटिव सोसायटी की स्थापना की है। इन तीन सोसायटी में से दो गुजरात के किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। इनमें से एक सोसायटी के तहत प्राकृतिक कृषि करने वाले सभी किसानों के उत्पाद अमूल के पेटेंट के अंतर्गत लिए जाएंगे और उसका मुनाफा सीधा किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर होगा। शाह ने कहा कि इस व्यवस्था के पूर्ण रूप से लागू होने के बाद हम अपनी भूमि को यूरिया और डीएपी के उपयोग से और अपने शरीर को इनके उपयोग से होने वाली कैंसर जैसी बीमारियों से बचा पाएंगे, जलस्तर ऊपर आएगा और पर्यावरण भी बचेगा।

फसल उत्पाद के निर्यात के लिए भी एक कोऑपरेटिव सोसायटी की व्यवस्था
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि केन्द्र ने फसल उत्पाद के निर्यात के लिए भी एक कोऑपरेटिव सोसायटी बनाई है। इसके माध्यम से देश के किसी भी किसान के उत्पाद के निर्यात के लिए ये सोसायटी निर्यात भवन की तरह सेवा देगी और इसका लाभ सीधा किसान के बैंक खाते में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के लागू होने से किसानों की समृद्धि बढ़ेगी और इसके साथ ही ये तय किया गया है कि देश की हर पंचायत में कोऑपरेटिव सेवा सहकारी मंडली बनाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि सेवा सहकारी मंडली, डेयरी और मत्स्य उत्पादन मंडली तीनों एक ही प्रकार की सोसायटी के रूप में रजिस्टर्ड हों, इस प्रकार की व्यवस्था की गई है। अमित शाह ने कहा कि सहकारिता से ही किसानों को कई प्रकार के लाभ मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की सभी योजनाएं सहकारिता का मज़बूत स्ट्रक्चर होने से आप सभी तक पहुंचनी शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आने वाले दस सालों में देश के किसानों की आय को दोगुना नहीं, बल्कि अनेक गुना बढ़ाने के प्रति कटिबद्ध है। शाह ने कहा कि कृषि क्षेत्र में भी मोदी ने अनेक नई शुरूआत की हैं, जैसे, किसान क्रेडिट कार्ड, एफपीओ, कृषि सिंचाई योजना, एमसपी पर सबसे ज्यादा खरीदी और नये सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से देश के किसान को समृद्ध बनाया है।

AUTHOR :Parul Kumari

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