पाकिस्तान के समाचार पत्र
पाकिस्तान से शुक्रवार को प्रकाशित अधिकांश समाचार-पत्रों ने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में चुनाव तिथियों पर सुप्रीम कोर्ट की 9 सदस्यीय लार्जर बेंच में सुनवाई होने को प्रमुखता दी है। समाचार पत्रों के अनुसार कई न्यायधीशों की अलग-अलग राय है। मुख्य न्यायाधीश अता बिंदयाल ने कहा है कि संविधान के खिलाफवर्जी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चुनाव 90 रोज में ही कराए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति, राज्यपालों, बार, अटॉर्नी जनरल, जनरल एडवोकेट जनरल और राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया है।
अखबारों ने लिखा है कि दोनों सूबों में चुनाव के लिए स्वतः संज्ञान लिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट के जजों में विरोधाभास है। जस्टिस जमाल खान मंदूखील ने कहा कि मेरी राय में इस केस में लिया गया स्वतः संज्ञान नहीं बनता है। जस्टिस अतहर मिनल्लाह ने सवाल उठाया कि क्या चीफ मिनिस्टर किसी राजनेता के कहने पर असेंबली भंग कर सकता है और क्या यह संविधान के अनुसार भंग की गईं। जस्टिर मंसूर अली शाह ने कहा कि अगर असेंबली भंग ही असंवैधानिक हुई तो उसे बहाल करने से भी मौजूदा संकट से निकला जा सकता है।
अखबारों ने इमरान खान की पार्टी पीटीआई के जेल भरो अभियान की खबरों को भी महत्व दिया है। शाह महमूद और अन्य के खिलाफ पुलिस पर हमला और तोड़फोड़ करने पर आतंकवादी गतिविधियों का मुकदमा लगाया गया है। उनको नजरबंद रखने के बाद जेल भेज दिया गया। उन्हें बाहर लाने के लिए अर्जी दायर की गई हैं। अखबारों ने पीटीआई चेयरमैन इमरान खान का एक बयान छपा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि गिरफ्तारियां देने वाले पीटीआई नेताओं के साथ आतंकवादियों जैसा सलूक हो रहा है। उनका कहना है कि महंगाई की वजह से घरों में लड़ाइयां हो रही हैं। हुकूमत खुद कह रही थी और अधिक महंगाई बढ़ेगी। जेल भरो आंदोलन से हुकूमत बौखलाहट का शिकार है।
अखबारों ने गृहमंत्री राना सनाउल्लाह का भी एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र और राज्यों के चुनाव इकट्ठे होने चाहिए। उनका कहना है कि इमरान ने देश को तबाही के मुहाने पर पहुंचा दिया है। गिरफ्तारियां देने वालों को एक रात में मां-बाप और बच्चे याद आ गए हैं। अखबारों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बीच बातचीत होने की खबर देते हुए बताया है कि उन्होंने पीटीआई के जेल भरो आंदोलन को नाकाम करार दिया है और कहा है कि जनता ने तोड़फोड़ की राजनीति को नकार दिया है।
अखबारों ने लकी मरवत में सेना पर हमले के बाद हुई मुठभेड़ में टीटीपी के 6 आतंकवादियों समेत 14 लोगों के मारे जाने की खबरें दी हैं। आतंकवादियों ने काफिले को निशाना बनाया, जिसे सुरक्षा बलों ने बगैर नुकसान के हमला नाकाम बना दिया।
अखबारों ने राष्ट्रपति आरिफ अलवी के जरिए मिनी बजट पर हस्ताक्षर कर उसे मंजूरी दिए जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने आईएमएफ की नई शर्त सामने आने की खबर देते हुए बताया है कि उसने ब्याज की दरों में 2 प्रतिशत की वृद्धि करने की मांग की है। अखबारों ने एक हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में 2.43 करोड़ डॉलर की वृद्धि की खबर दी है। स्टेट बैंक का कहना है कि 6.56 करोड़ डॉलर की वृद्धि से 3 अरब 25 करोड़ डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार में जमा हो गया है।
अखबारों ने विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलोच का एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत के जरिए कश्मीर में मानव अधिकारों के लगातार उल्लंघन पर पाकिस्तान चिंतित है। उनका कहना है कि हम चीन को हर मौसम का साथी और दोस्त समझते हैं। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ आदि ने पहले पन्ने पर प्रकाशित की हैं।
रोजनामा नवाएवक्त ने सोपुर में एक घर के करीब रहस्यमय धमाका होने की खबर दी है। इसमें एक नागरिक जख्मी हुआ है। अखबार ने बताया है कि प्रॉपर्टी टैक्स की व्यवस्था पर बार एसोसिएशन की तरफ से अदालती कार्रवाई का बायकाट किया गया है। अखबार ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का एक बयान छापा, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रॉपर्टी टैक्स के नए कानून का मकसद जनता को परेशान करना है।