निशिकांत ठाकुर
भ्रष्टाचार कोई आज की समस्या नहीं ,यह आदिकाल की समस्या रही है । पहले राजा महाराजा द्युत क्रीड़ा खेलते थे, लेकिन अब जो माहौल देश में बन गया है, उसमें सभी द्युत क्रीड़ा नही बल्कि भ्रष्टाचार --भ्रष्टाचार खेलने लगे हैं । अब यह राजा महाराजाओं का खेल न होकर राजनीतिज्ञों का हो गया है। पिछले सप्ताह भ्रष्टाचार पर सत्तापक्ष और विपक्ष ने एक सुर में ऐसा माहौल बना दिया, जिससे ऐसा लगने लगा है कि सारा देश भ्रष्टाचार रूपी समुद्र में डूबकर आत्महत्या करने पर उतारू हो गया है । ऐसा इसलिए कि जब भारत के सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री कहते हैं कि "कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए " ; क्योंकि भ्रष्टाचारियों ने अपना एक अलग मंच बना लिया है और उन्होंने अपने बचाव के लिए इस मंच पर इकठ्ठा होना शुरू कर दिया है । प्रधानमंत्री यह भी कहते हैं कि उनका एक मात्र उद्देश्य मेरी छवि को बदनाम करना है, जिसके लिए ऐसे भ्रष्टाचारियों ने एक दूसरे को सुपारी दे दी है। दूसरी ओर राहुल गांधी सच में प्रधानमंत्री पर पूरी तरह आक्रामक हो गए हैं । इसी भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस द्वारा उन्हें संसद में घेरा गया और बाहर तो हंगामा मचा हुआ ही है । प्रधानमंत्री की यह बात सच है कि सभी विपक्षी एक मंच पर आते जा रहे हैं और देश का माहौल गर्म होता जा रहा है । वहीं खुलकर प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार पर मोर्चा खोलने के लिए दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री सक्रिय हो गए हैं । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि अदानी तो कठपुतली हैं। सारा पैसा और ज्ञान प्रधानमंत्री मोदी से उन्हें मिलता है। इतना खुले आम आरोप संभवतः देश के किसी प्रधानमंत्री पर आज तक किसी ने नहीं लगाया होगा । आज की तारीख में देश में जो हंगामा बरपा है, वह इन्हीं मुद्दों पर शत प्रतिशत आश्रित है ।
भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ 'कांग्रेस फाइल्स' का पहला एपिसोड जारी किया है. बीजेपी का दावा है कि वह इसके जरिए कांग्रेस की तरफ से किए गए सभी भष्ट्राचारों की पोल खोलेगी । पहले एपिसोड में कांग्रेस राज के घोटालों को बताते हुए बीजेपी ने विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा। बीजेपी ने “कांग्रेस फाइल्स” का पहला एपिसोड ट्वीट कर कहा कि इस एपिसोड में देखिए कैसे कांग्रेस राज में एक के बाद एक भ्रष्टाचार और घोटाले हुए। बीजेपी ने एक अप्रैल को ट्वीट कर कहा था कि वह कांग्रेस के भष्ट्राचारों का खुलासा करने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसी को लेकर बीते दिन भी एक छोटा वीडियो क्लिप जारी किया था. इसमें सोनिया गांधी और यूपीए के समय के घोटालों- 2 जी स्पेक्ट्रम और कोयला आवंटन घोटालों को दिखाया गया है. कांग्रेस शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार पर भारतीय जनता पार्टी ने वीडियो जारी करते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस के शासन काल में 1.86 लाख करोड़ रुपए का कोयला घोटाला , 1.76 लाख करोड़ रुपए का 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, 30 लाख करोड़ का मनरेगा घोटाला , 70,000 करोड़ रुपए का कॉमनवेल्थ घोटाला, इटली से हेलीकॉप्टर सौदे में 362 करोड़ रुपए की घूस , रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के लिए 12 करोड़ रूपए की घूस की घटनाएं हुई थींL। वीडियो संदेश के अंत में भाजपा ने कहा, यह तो कांग्रेस के भ्रष्टाचार की सिर्फ झांकी है, फिल्म अभी खत्म नहीं हुई है ।
इससे पहले कांग्रेस ने भी अदानी मुद्दे पर बीजेपी पर हमला बोला था और "हम अदानी के हैं कौन" अभियान के तहत सवालों के कई सेट जारी किए थे । पार्टी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने विभिन्न परियोजनाओं में अदानी समूह को एकाधिकार दे दिया है । भाजपा पर मनमानी करने का आरोप:भाजपा के शासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह है कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता रद्द करने का कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है। कांग्रेस, भाजपा पर मनमानी करने और जनता की आवाज काे दबाव का आरोप लगा रही है। इसी मामले को लेकर शहर के विश्राम गृह में पत्रकारवार्ता रखी गई। किसान सेल के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला, विधायक आशीष छाबड़ा, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बंसी पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि देश में आम आदमी की आवाज उठाना और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष और 4 बार के सांसद राहुल गांधी को संसद में बोलने तक नहीं दिया जाता। उनका माइक बंद कर दिया जाता है। सूरत की सत्र अदालत से जमानत की अवधि बढ़ाए जाने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने मंगलवार को अडानी कंपनियों में धन के लेन-देन पर फिर से सवाल उठाया है. उन्होंने खुले शब्दों में पूछा कि अडानी की शेल कंपनी में 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं? राहुल गांधी केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक के लिए कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने न्यायपालिका पर दबाव बनाने के बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, मेरा एकमात्र सवाल ये है कि अडानी शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं. इनको (बीजेपी) इसका जवाब देना चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए कि ये करोड़ों रुपये किसके हैं?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि देश में दो लोगों को छोड़कर सब डरे हुए हैं। जिस दिन मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे, उस दिन भारत भ्रष्टाचार मुक्त हो जाएगा। यह बातें उन्होंने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए कहीं। सदन में प्रस्ताव पेश होते ही भाजपा के सारे विधायक सदन छोड़कर बाहर निकल गए। इस पर केजरीवाल ने कहा कि वे भी आएं और अपनी बात रखें। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. केजरीवाल ने लखनऊ में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी विधान सभा चुनाव में किसी को भी जिताएं, लेकिन बीजेपी को यूपी की सत्ता में ना लाएं.
सीएम केजरीवाल ने बताया कि आम आदमी पार्टी यूपी में चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन बीजेपी को हराने के लिए पूरा जोर लगाएगी. केजरीवाल नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर हमलावर रहे. केजरीवाल ने इनकम टैक्स की उसी रिपोर्ट को हवा में लहराते हुए लोगों को दिखाया और कई गंभीर आरोप जड़ दिए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मानने से इंकार कर दिया. केजरीवाल ने इस रिपोर्ट में दर्ज बिड़ला और सहारा जैसी कंपनियों का नाम लेकर पीएम मोदी को भ्रष्टाचारी और रिश्वतखोर तक बताया. यही नहीं अरविंद केजरीवाल ने विजय माल्या से भी पीएम मोदी का रिश्ता जोड़ने की कोशिश की, हालांकि विजय माल्या और मोदी के रिश्ते का कोई सबूत नहीं पेश कर सके । रैली तो मोदी के खिलाफ ही थी लेकिन केजरीवाल ने लोगों से संवाद मोदी स्टाइल में ही किया. पीएम मोदी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर लोगों से ना सिर्फ हाथ उठाकर उसका समर्थन कराया, बल्कि मीडिया के कैमरों को भी लोगों की ओर दिखाने को कहा. हालांकि केजरीवाल, विजय माल्या का रिश्ता मोदी से सीधा नहीं जोड़ पाए, तो उसी फाइल में दर्ज नामों के आधार पर मोदी और विजय माल्या को जोड़ दिया. केजरीवाल ने रविवार को लखनऊ में पीएम मोदी के खिलाफ सनसनीखेज पोल-खोल का नाम देकर ये रैली बुलाई थी, लेकिन रैली में वो वही कागजात और फाइलें लहराते नजर आए, जो पहले भी प्रेस कॉन्फ्रेस कर और 'एजेंडा आज तक' में लेकर आए थे. इस रैली के बहाने केजरीवाल का एक ही मकसद था प्रधानमंत्री मोदी को भी भ्रष्टाचारियों की कतार में खड़ा करना ।
वैसे भी यह बात समझ में नहीं आती यदि सभी भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों की बात ही करते रहेंगे तो उनकी जड़ पर करारा प्रहार कौन करेगा-- और कैसे करेगा ? वैसे यह बड़ी बात है कि यदि दोनो पक्ष (सत्तापक्ष--विपक्ष) इसी तरह एक लड़ते झगड़ते रहेंगे तो देश की आम जनता का क्या होगा ? होना तो यह चाहिए कि आरोप प्रत्यारोप तो करिए , लेकिन यह भी सुनिश्चित करिए कि देश की गरिमा कहीं कलंकित न होने पाए। हम तो अपने हैं, हमारा देश भी अपना है इसलिए उसका सिर विदेशों में नहीं झुकना चाहिए । हम अपने यहां खूब गला फाड़ फाड़कर चीख-चिल्लाकर अपनी आत्मसंतुष्टि कर लें, लेकिन विश्व के समक्ष हमारा आत्मगौरव झुकना नहीं चाहिए । कोई न कोई ऐसी कमेटी का गठन किया जाना चाहिए जिसका प्रतिनिधित्व स्वयं प्रधानमंत्री करे, और दूसरे सदस्यों के रूप में लोकसभा का विपक्षी नेता और सर्वोच्च न्यायालय के जज शामिल हो । प्रतिबद्धता तो यह हो कि इन तीनों द्वारा लिए गए निर्णय को काटने का अधिकार केवल महाहिम राष्ट्रपति के पास हो। यदि एक बार ऐसा करके देखा लिया जाता है तो निश्चित रूप उसका दूरगामी और अच्छा परिणाम निकलेगा ।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं ।