वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय रसद प्रबंधन संगोष्ठी 'लॉजिसेम-23' का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने डिजिटलीकरण, स्वचालन एवं डेटा एनालिटिक्स जैसी उभरती तकनीकों का लाभ उठाते हुए किसी भी प्रकार के व्यवधानों को कम करने के लिए भारतीय वायुसेना की रसद क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति शृंखलाएं तेजी से जटिल होती जा रही हैं, जिससे रक्षा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है।
वायुसेना ऑडिटोरियम में आयोजित संगोष्ठी का विषय 'व्यवधानों को दूर करते हुए रसद क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उभरती वैश्विक आपूर्ति शृंखला का लाभ उठाना' था। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने इस सेमिनार का उद्घाटन करने के बाद मुख्य भाषण में कहा कि वैश्विक आपूर्ति शृंखलाएं तेजी से जटिल होती जा रही हैं, लेकिन परस्पर रूप से जुड़ी हुई हैं, यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार और प्रौद्योगिकियों की प्रगति से प्रेरित हैं। रक्षा क्षेत्र भी इस प्रवृत्ति का अपवाद नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना अपनी लड़ाकू क्षमता को सर्वश्रेष्ठ स्तर पर बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण घटकों, उपकरणों और सेवाओं की आपूर्ति करने के लिए वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है। हाल के दिनों में विश्व ने कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन संघर्ष, व्यापारिक बाधाओं, पर्यावरण नीतियों जैसे कई व्यवधानों का सामना किया है। इस प्रकार की घटनाओं ने व्यवधानों के लिए आपूर्ति शृंखलाओं की समस्याओं को उजागर किया है।
उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण, स्वचालन एवं डेटा एनालिटिक्स जैसे उभरते रुझानों का लाभ उठाते हुए इस प्रकार के व्यवधानों को कम करने के लिए भारतीय वायुसेना की रसद क्षमताओं को बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि संगोष्ठी में आदान-प्रदान किए गए विचार-विमर्श, चर्चा एवं बातचीत किसी भी विघटनकारी वातावरण को सही रूप से समझने में सहायता प्रदान करेंगे।
संगोष्ठी के दौरान प्रमुख वक्ताओं ने तीनों सत्रों में संगोष्ठी के विषयों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। चर्चा में घरेलू विमानन उद्योग के भविष्य की संभावनाओं, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन एवं भंडारण में आधुनिक रुझान और जीईएम के माध्यम से सार्वजनिक खरीद पहल को शामिल किया गया। संगोष्ठी में नागरिक एवं सैन्य रसद के बीच विचारों का आदान-प्रदान के लिए एक आदर्श मंच स्थापित किया गया। इस संगोष्ठी का पैन-आईएएफ में सीधा प्रसारण भी किया गया।