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यूक्रेन पर मतभेद के बीच जी20 विदेश मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक कल

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जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक नई दिल्ली में

यूक्रेन युद्ध के कारण पश्चिमी देशों और रूस-चीन के बीच कायम मतभेदों के बीच जी20 विदेश मंत्रियों की औपचारिक बैठक गुरुवार को नई दिल्ली में शुरू हो रही है। दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के संगठन जी20 के विदेश मंत्री गुरुवार को भारत की अध्यक्षता में वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। यह किसी भी जी20 अध्यक्षता में आयोजित होने वाले विदेश मंत्रियों की सबसे बड़ी बैठकों में से एक होगी।

भारत की अध्यक्षता में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक नई दिल्ली में 1-2 मार्च को फिजिकल प्रारूप में हो रही है। बैठक में भाग लेने के लिए अधिकतर विदेश मंत्री नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। आज रात इनके सम्मान में रात्रि भोज आयोजित है, जिसमें विभिन्न नेताओं को अनौपचारिक रूप से आपस में बातचीत का अवसर मिलेगा।

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा के अनुसार भारत की चल रही जी20 अध्यक्षता के तहत विदेश मंत्रियों की बैठक कल 2 मार्च को होगी। यह विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की अध्यक्षता में होगी। भारत की अध्यक्षता में अब तक आयोजित होने वाली यह दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक होगी। इससे पहले बेंगलुरु में पहली मंत्रिस्तरीय बैठक संपन्न हुई है। इसमें जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स शामिल हुए थे।

इस बैठक पर यूक्रेन युद्ध की छाया पड़ने की संभावना है तथा बैठक के बाद कोई संयुक्त वक्तव्य जारी होना अभी अनिश्चित है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा से इससे जुड़ी प्रेसवार्ता में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बैठक का क्या नतीजा निकलेगा, इस संबंध में वे कोई पूर्वानुमान नहीं लगाना चाहेंगे।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व बेंगलुरू में जी20 वित्त मंत्रियों और बैंक प्रमुखों की बैठक में यूक्रेन युद्ध को लेकर कायम मतभेदों के कारण संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं हो सका था। मेजबान देश के रूप में भारत ने बैठक में हुए विचार-विमर्श का सारांश जारी किया था। इसके दो पैराग्राफों पर रूस और चीन ने आपत्ति जाहिर की थी, जिनमें यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया गया था। बाद में भारत ने स्पष्टीकरण दिया कि आधिकारिक सारांश में जिन दो पैराग्राफ को शामिल किया गया था, वे बाली शिखरवार्ता के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य से लिए गए थे।

औपचारिक बैठक के पहले आज ब्रिटेन और रूस ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर अलग-अलग बयान जारी किए। इनमें यूक्रेन के घटनाक्रम को परस्पर विरोधी नजरिए से पेश किया गया है। कई पश्चिमी देशों की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि वे यूक्रेन पर कथित आक्रमण के लिए रूस को दोषी ठहराए जाने पर जोर देंगे। बैठक के पहले बुधवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स कलेवर्ली सहित कई अन्य विदेश मंत्रियों से चर्चा की।

राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में होने वाली बैठक में 40 प्रतिनिधिमंडलों के भाग लेने की उम्मीद है। इनमें जी20 सदस्य अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है। इसके अलावा भारत ने नौ देशों को अतिथि देशों के रूप में जी20 में आमंत्रित किया है। इनमें बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्री शामिल हैं। इसमें 13 अंतरराष्ट्रीय संगठन भी शामिल होंगे, जो बैठक में भाग लेंगे।

कल विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर विदेश मंत्रियों की बैठक के दो सत्रों की अध्यक्षता करेंगे। पहला सत्र तीन प्रमुख उप-विषयों पर केंद्रित होगा: बहुपक्षवाद; खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा; और विकास सहयोग। दूसरा सत्र चार या पांच अन्य प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित होगा। उनमें से एक नए और उभरते खतरों पर ध्यान केंद्रित होगा। इसमें आतंकवाद का मुकाबला करना, नशीले पदार्थों का मुकाबला करना शामिल होगा। वैश्विक कौशल पर अधिक विकासोन्मुख विचार, वैश्विक प्रतिभा पूल, और मानवीय सहायता व आपदा जोखिम में कमी से संबंधित प्रश्नों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

AUTHOR :Parul Kumari

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