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नौसेना और कोस्ट गार्ड का ध्रुव हेलीकॉप्टर बेड़ा अभी भी 'जमीन' पर, जांच पूरी नहीं

एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर

मुंबई तट पर एक दुर्घटना के दो सप्ताह के बाद भी भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक ने अपने एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर बेड़े को 'ग्राउंड' कर रखा है, क्योंकि इन स्वदेशी हेलीकॉप्टरों की गहन जांच अभी भी पूरी नहीं हो पाई है। हालांकि, लगभग 10 दिनों तक 'ग्राउंडेड' रहने के बाद भारतीय सेना ने अपने कुछ हेलीकॉप्टरों के संचालन को मंजूरी दे दी है, जिससे आर्मी एविएशन के ध्रुव हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरनी शुरू कर दी है।
एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) का इस्तेमाल भारतीय तटरक्षक बल के साथ थलसेना, नौसेना और वायु सेना भी करती है। नौसेना का एक एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर 8 मार्च को सुबह मुंबई में समुद्र तट के करीब खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे के समय हेलीकॉप्टर नियमित उड़ान पर था, लेकिन अचानक समुद्र तट के करीब खाई में गिर गया। तत्काल खोज और बचाव शुरू करके नौसैनिक गश्ती टीम ने चालक दल के 3 सदस्यों को सुरक्षित खोज लिया और घटना की जांच के आदेश दे दिए गए। इसी हादसे के बाद रक्षा बलों ने एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी थी।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर अभी भी जमीन पर हैं, क्योंकि उनकी जांच की जा रही है। मुंबई तट पर हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना का कारण पता नहीं चलने तक एहतियातन इनका परिचालन रोक दिया गया है। एएलएच ध्रुव तीनों बलों के हवाई मिशनों का महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इसे विभिन्न इलाकों में तैनात किया गया है।हालांकि, लगभग 10 दिनों तक 'ग्राउंडेड' रहने के बाद भारतीय सेना ने अपने कुछ हेलीकॉप्टरों के संचालन को मंजूरी दे दी है, जिससे आर्मी एविएशन के ध्रुव हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरनी शुरू कर दी है।
एएलएच ध्रुव का निर्माण करने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अधिकारियों ने बताया कि एचएएल ने इस मामले में पहले ही कदम उठा लिए हैं। एएलएच ध्रुव बेड़े की जांच रक्षा बलों के अधिकारियों के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है, ताकि हेलीकॉप्टरों का संचालन न रुक सके। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद जल्द ही एएलएच ध्रुव का फिर से संचालन किया जा सकेगा। एएलएच ध्रुव ने 2002 से सेवा देनी शुरू की थी, जिसे आर्म्ड और नागरिक दोनों ऑपरेटरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।

AUTHOR :Parul Kumari

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