भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना
भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना ने अंडमान सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पर 8 दिनों तक समन्वित गश्ती अभियान चलाया। बुधवार को ख़त्म हुए इस इंडो-थाई कॉर्पेट में भारतीय नौसेना जहाज आईएनएस केसरी, एक स्वदेश निर्मित एलएसटी (एल) और थाई नौसेना के जहाज मेजेस्टीज़ शिप सैबुरी और एक चाओ फ्राया क्लास फ्रिगेट ने हिस्सा लिया। इसका मकसद दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करने के साथ ही हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित करना था।
दोनों नौसेनाओं के समुद्री गश्ती विमानों ने भी इंडो-थाई कॉर्पेट में भाग लिया। अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा (आईएमबीएल) पर इस समन्वित गश्ती अभियान ने नौसेनाओं के बीच समझ और अंतर-क्षमता का निर्माण किया। साथ ही गैरकानूनी तरीके से मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, चोरी और समुद्री डकैती रोकने का अभ्यास किया गया। यह अभियान आगे चलकर तस्करी, अवैध अप्रवासन की रोकथाम और समुद्र में खोज और बचाव (एसएआर) संचालन के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान करके परिचालन तालमेल को बढ़ाने में मदद करेगा।
भारतीय नौसेना क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। यह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास समन्वित गश्ती, संयुक्त ईईजेड निगरानी, मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन के माध्यम से हासिल किया गया है। भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच करीबी और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जिसमें गतिविधियों और बातचीत का एक व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल है, जो पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुआ है। इंडो-थाई कॉर्पेट दोस्ती के बंधन को मजबूत करने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों को बढ़ाने की दिशा में एक और कदम है।