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इंदौर बावड़ी हादसा : 35 लोगों की मौत, गृह मंत्री ने दिए जांच के आदेश

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अंडरग्राउंड बावड़ी की छत धंसने की घटना में 35 लोगों की मौत

शहर के श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी पर गुरुवार को अंडरग्राउंड बावड़ी की छत धंसने की घटना में 14 लोगों की मौत हो गई। बावड़ी में 30 से अधिक लोग गिरे थे जिनमें से 11 लोगों के शव निकाले गए जबकि पुलिस ने रस्सियों की मदद से 19 लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया था, जिनमें से तीन लोगों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे के पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा की घोषणा की है। प्रदेश के गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।
करीब 40 फीट गहरी बावड़ी में चार से पांच फीट पानी भरा था, जिसे नगर निगम ने तीन पम्प की मदद से निकालकर देर शाम दोबारा रेस्क्यू शुरू किया। ऑक्सीजन के साथ गोताखोरों को कुएं में उतारा गया। मौके पर एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची है। बताया गया कि बावड़ी बहुत गहरी है, जिसमें काफी दलदल भी है। आशंका है कि अभी भी कुछ लोग यहां दबे हैं। स्थानीय लोगों ने कुछ लोगों के गुम होने की बात भी कही है। रेस्क्यू के लिए महू से आर्मी की टीम भी बुलाई गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शहर के सपना संगीता रोड पर स्नेह नगर स्थित श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे हवन के दौरान हादसा हुआ। यहां 30 से ज्यादा लोग बावड़ी की छत पर बैठे थे। तभी ज्यादा वजन होने की वजह से उसकी छत टूट गई और लोग नीचे गिर गए। गिरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी थीं। पुलिस और श्रद्धालुओं ने रस्सियों से लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय अधिकारी और बचाव व राहत कर्मियों ने रेस्क्यू अभियान चलाया। इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी. के अनुसार बावड़ी से अब तक 11 शव निकाले गए हैं, जबकि 19 लोगों को घायल हालत में निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान तीन लोगों की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस तरह अब तक इस हादसे में हादसे में कुल 14 लोगों की मौत हुई है।

दिवंगतों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में पुरानी बावड़ी के धंस जाने से लोगों की असामयिक मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि है यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। अनेक प्रयासों के बाद कुछ नागरिकों को बचाया नहीं जा सका। घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना में दिवंगत लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जाएगी। घायलों के नि:शुल्क उपचार के साथ 50 हजार प्रति घायल को राशि प्रदान की जाएगी।

हादसे में मरने वालों में अब तक 12 की पहचान हुई है। इनमें लक्ष्मी (70) पत्नी रतीलाल पटेल निवासी पटेल नगर, इंद्र कुमार (53) पुत्र थामावदास हरवानी निवासी साधु वासवानी नगर, भारती कुकरेजा (58) पत्नी परमानंद कुकरेजा निवासी साधु वासवानी नगर, जयवंती (84) पत्नी परमानंद खूबचंदानी निवासी स्नेह नगर, दक्षा पटेल (60) पत्नी लक्ष्मीकांत पटेल निवासी पटेल नगर, मधु (48) पत्नी राजेश भम्मानी निवासी सर्वोदय नगर, मनीषा मोटवानी पत्नी आकाश मोटवानी निवासी साधु वासवानी नगर, गंगा पटेल (58) पत्नी गगन दास निवासी पटेल नगर, कनक पटेल (32) निवासी पटेल नगर, पुष्पा पटेल (49) निवासी पटेल नगर और भूमिका खानचंदानी (31) निवासी पटेल नगर और करिश्मा वाधवानी शामिल हैं।

 

मुख्यमंत्री शिवराज पहुंचे घटनास्थल, लोगों ने जताया आक्रोश
शहर के श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में रामनवमी पर बावड़ी की छत धंसने से हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 35 तक पहुंच गई है। हादसे के 24 घंटे बाद भी एक व्यक्ति का पता नहीं चल पाया है। उसकी तलाश जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौका मुआयना करने के बाद अस्पताल का भी दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी लेकर उचित उपचार के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री को लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। आक्रोशित लोगों ने मुख्यमंत्री मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
दरअसल, शहर के स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में बनी बावड़ी के ऊपर की छत धंसने से कई लोग बावड़ी में गिर गए थे। पहले यह संख्या 25 बताई जा रही थी लेकिन घटना के बाद से जारी रेस्क्यू अभियान शुक्रवार को भी जारी है। अब तक बावड़ी से 35 शव निकाले जा चुके हैं। मृतकों में 21 महिलाएं और 14 पुरुष हैं। इनमें तीन बच्चे और एक बच्ची भी शामिल है, जबकि 20 से ज्यादा लोगों का अभी इलाज चल रहा है। अभी मंदिर की दीवार और बावड़ी की स्लैब तोड़ी जा रही है। आर्मी ने भी मोर्चा संभाल रखा है। प्रशासन की भी कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हैं। बावड़ी से काला पानी निकल रहा है, जिससे टीम को परेशानी आ रही है। समाचार लिखे जाने तक 53 वर्षीय एक व्यक्ति लापता बताया गया है।

घटना दुर्भाग्यपूर्णः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार सुबह इंदौर पहुंचे और एप्पल अस्पताल में भर्ती घायलों और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, ''घायलों का इलाज सरकार कराएगी। प्रदेश में ऐसे ढंके हुए कुएं-बावड़ी की तलाश कर खोले जाएंगे, ताकि फिर कोई हादसा न हो।''
इसके बाद उन्होंने घटनास्थल का दौरा भी किया। मुख्यमंत्री ने यहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। लगातार रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है। पूरा प्रशासन और मैंने रातभर बैठकर इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी। हमारी इस समय प्राथमिकता यह है कि अंतिम खोए व्यक्ति की तलाश पूरी की जाए और रेस्क्यू आपरेशन पूरा किया जाए। हमने घटना के मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए हैं। मामले में पुलिस केस भी दर्ज किया गया है। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हादसे में पीड़ित परिवारों को राहत राशि देने की घोषणा की है। राज्य सरकार भी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इस दौरान उनके साथ गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, आकाश विजयवर्गीय, मालिनी सिंह गौड़, पुष्यमित्र भार्गव, गौरव रणदीवे भी वहां मौजूद थे।

एक साथ निकलेगी शवयात्रा
सिंधी समाज और पटेल समाज के मृतकों का अंतिम संस्कार रीजनल पार्क में होगा। सिंधी समाज के 17 लोगों का 11, 12 और 2 बजे अंतिम संस्कार होगा। वहीं पटेल समाज के 11 मृतकों का अंतिम संस्कार 4 बजे होगा। 11 लोगों की शवयात्रा पटेल धर्मशाला से एक साथ निकलेगी। शाम चार बजे रीजनल पार्क ले जाएंगे। शुक्रवार को हादसे में मारे गए लोगों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद ले जाने का सिलसिला जारी रहा।
पाटीदार धर्मशाला में लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का विरोध किया। रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही को लेकर विरोध जताया। पटेल धर्मशाला में लोगों में रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी को लेकर रहवासियों ने गुस्से का इजहार किया। उनका कहना था कि प्रशासन और पुलिस की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी संख्या में जाने गई हैं। परिजनों ने आकाश विजयवर्गीय से भी आक्रोश जताया। लापता व घायल व्यक्तियों की जानकारी के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

राष्ट्रपति, पीएम मोदी से लेकर राहुल गांधी तक ने जताया दुख
इंदौर हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति शोक-संवेदनाएं व्यक्ति की, साथ ही घायलों के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि इंदौर में हुए हादसे से बेहद आहत हूं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर स्थिति की जानकारी ली। राज्य सरकार बचाव और राहत कार्य में तेजी से आगे बढ़ रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी हादसे पर दुख जताया है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

मृतकों के परिजनों द्वारा हादसे के बाद उनके अंगदान करने का निर्णय लिया गया। कुछ मृतकों की आंखें दान की गई तो कुछ की त्वचा का दान किया गया। जिन मृतकों की आंखें दान की गईं, उनमें दक्षा पटेल, इंद्र कुमार, भूमिका खानचंदानी, लक्ष्मी पटेल, मधु भम्मानी, जयंतीबाई, भारती कुकरेजा और कनक पटेल शामिल हैं। वहीं, इंद्र कुमार, भूमिका खानचंदानी और जयंतीबाई की त्वचा भी दान की गई है।

AUTHOR :Parul Kumari

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