‘दास्तान ए रोहनात’ नाटक का मंचन
आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जाखौली अड्डा स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग व जिला प्रशासन की ओर से‘दास्तान ए रोहनात’ नाटक का मंचन किया गया। नाटक का शुभारंभ भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर, डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह,मनीष कठवाड़, आदित्य भारद्वाज, बलविंद्र आदि ने दीप प्रज्ज्वलन करके किया। नाटक गांव रोहनात के गुमनाम नायकों पर आधारित था। जिन्होंने आजादी के लिए कड़ा संघर्ष किया, लेकिन इतिहास के पन्नों में उनकी गौरव गाथा को वह स्थान नहीं मिल पाया जिसके वे हकदार थे। ऐसे ही गुमनाम नायकों नोन्दा जाट, बिरड़ा दास व रूप राम खाती और रोहनात गांव के लोगों के आजादी के लिए कड़े संघर्ष को इस नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था। 1857 की रोहनात गांव की क्रांति के साथ-साथ अंग्रेजों की कूटनीतिक चालों,डिवाइड एंड रूल पॉलिसी, अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचार सहित कई अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों को प्रस्तुत किया गया था। दिखाया गया था कि किस प्रकार अंग्रेजों के अत्याचार के चलते वहां के गांव का कुआं जलियांवाला बाग की तरह ग्रामीणों की लाशों से भर गया था। निर्देशक मनीष जोशी के निर्देशन में हुए नाटक को एक घंटे से भी ज्यादा समय तक दर्शकों ने एकाग्रता से साथ देखा। दर्शकों को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का एक गौरवमयी अध्याय हरियाणा के रोहनात गांव की ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की कहानी दास्तान-ए-रोहनात में देखने को मिली।
किरदार के साथ निर्देशन भी दमदार रहा
नाटक में बिरला दास का किरदार अतुल लांग्यान, नोंदा जाट का एकलव्य चौधरी व रूपराम खाती का किरदार कबीर दहिया ने निभाया। अंग्रेज अफसर के रूप में कामेश्वर ने अपना चरित्र पूरी ईमानदारी से निभाया। नाटक का निर्देशन मनीष जोशी व लेखन यशराज शर्मा का था। नृत्य संरचना राखी दुबे द्वारा की गई। नाटक में मंच और वस्त्र विन्यास सारांश भट्ट द्वारा किया गया। इसके साथ-साथ सहायक कलाकार के रूप में स्नेहा बिश्नोई, प्रकृति सुथार, नरेश चंद्र, विशाल कुमार, राम नारायण, भारतसिंह, सोनू, युक्ति,रमन, आयुश, लोकेश, दिनेश ने साथ दिया। संगीत निपुण कपूर का व लाइट्स इफेक्टस साहिल कुमार का था।