दो सौ सदस्यीय उच्चस्तरीय कोरियाई दल
''भारत-द.कोरिया मैत्री'' के 50 बर्ष पूरे होने के अवसर पर दो सौ सदस्यीय उच्चस्तरीय कोरियाई दल ने बुधवार को सुबह कुशीनगर पहुंच गौतम बुद्ध के शवदाह स्थल ''मुकुटबन्धन चैत्य'' रामाभार स्तूप पर शीश नवा विशेष पूजा की। दल ने दोनों देशों के मध्य मैत्री सम्बन्धों को प्रगाढ़ व दीर्घकालिक बनाए रखने एवं विश्व में शांति, विकास और खुशहाली की कामना की।
इस दल में कोरिया के 111 राजनयिक व बौद्ध भिक्षु व अति विशिष्ट लोगों समेत उनके सहायक शामिल हैं। बिहार के बोधगया से पैदल चारिका करते पहुंचे दल ने बुद्ध द्वारा जल ग्रहण करने वाली कुकुत्था नदी पर रुककर आचमन किया। मार्ग में निरंकारी सत्संग भवन पर दल का जिला प्रशासन के अधिकारियों, स्थानीय बौद्ध भिक्षुओं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा के पदाधिकारियों ने स्वागत किया। विशुद्ध भारतीय संस्कृति व बौद्ध परम्परा में हुए स्वागत के दौरान लोगों ने कोरियाई दल पर गेंदा, गुलाब फूलों की पंखुड़ियों व सुगन्धित जल की बर्षा की।
दल के समक्ष भारतीय लोक कला संस्कृति से जुड़े अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। कलाकारों ने सिंहा, दुदुम्भी जैसे पारम्परिक वाद्य यंत्र बजाए। फरूवाहि नृत्य, फगुआ, होली गीतों की प्रस्तुति कर दल का स्वागत किया। स्वागत व आतिथ्य के बाद दल मुकुटबंधन चैत्य की ओर रवाना हुआ। पूरे मार्ग में स्थानीय लोगों ने दल पर पुष्प वर्षा की। विधायक मोहन वर्मा, पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी, संस्कार भारती प्रमुख डॉ. अनिल कुमार सिन्हा, बौद्धिकता प्रमुख सुरेश गुप्त, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कृष्ण कुमार आदि स्वागत करने वालों में शामिल रहे।