मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। यह बहनों का सम्मान बढ़ाने का महायज्ञ है। बहनें सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है। बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतों और पैसों की आवश्यकता के लिए परेशान न हो, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रुपये उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है।
मुख्यमंत्री चौहान रविवार को भोपाल के जम्बूरी मैदान में विशाल सम्मेलन में योजना का शुभारंभ कर रहे थे। कार्यक्रम से प्रदेश के सभी गाँव तथा वार्ड वर्चुअली जुड़े। चौहान ने कहा कि जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है, जिनके पास 5 एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें योजना के लिए पात्र हैं। योजना में परिवार का अर्थ है, पति, पत्नी और बच्चे। बहनों को यह राशि उपलब्ध कराने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। योजना के लिए 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जाँच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके खाते खुलवाने में भी मदद की जाएगी।
हमारे देश में माँ, बहन, बेटी का हमेशा सम्मान रहा
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री घुटनों के बल बैठ गए। उन्होंने महिलाओं को प्रणाम करते हुए कहा कि योजना के क्रियान्वयन में महिलाओं को कोई दिक्कत न आए, इसके लिए राज्य शासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है। हमारे देश में माँ बहन, बेटी का हमेशा सम्मान रहा है। बेटियों और बहनों को हमारे यहाँ दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती माना जाता है। देवता और भगवान के नाम लेने में भी, पहले लक्ष्मी जी और सीता जी का नाम लिया जाता है अर्थात महिला सर्वप्रथम है। कालांतर में परिस्थतियाँ बदली और महिलाएँ भेदभाव का शिकार हो गई।
बहन-बेटियों के लिए योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से मेरा मुख्यमंत्री बनना हुआ सार्थक
उन्होंने कहा कि बहन-बेटियों के साथ भेदभाव को देखकर मुझे बचपन से ही वेदना होती थी। सार्वजनिक जीवन में सक्रियता के साथ ही मेरा यह प्रयास रहा कि बेटी को बोझ नहीं वरदान समझा जाए। परिणामस्वरूप विधायक बनते ही साथियों के सहयोग से बेटियों का विवाह कराना शुरू किया और मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले कन्या विवाह योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया। मेरा प्रण था कि मध्यप्रदेश की धरती पर जो बेटी पैदा हो वह लखपति हो। इस प्रण से लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रूप लिया। इसके बाद बेटियों को पढ़ाई में मदद के लिए किताबें, यूनिफार्म, साइकिल आदि की व्यवस्था की गई। मजदूर बहन, बेटा- बेटी के जन्म के बाद आराम कर सके, इसके लिए संबल योजना में जन्म से पहले चार हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपये देने की व्यवस्था की गई। बहनों के लिए गाँव की बेटी, प्रतिभा किरण और प्रसूति सहायता योजना बनाई गई। बहन-बेटियों को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध कराना मेरा सपना था। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वय से मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।
मुख्यमंत्री ने बहनों का सम्मान कर किया कार्यक्रम का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने आई बहनों का पुष्प-वर्षा कर स्वागत किया। उन्होंने कन्या-पूजन और बहनों का सम्मान कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सभी कार्यक्रमों का शुभारंभ कन्या-पूजन के साथ किया जाता है। मैं अपनी बहनों में देवी दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी का रूप देखता हूँ। आज के कार्यक्रम का शुभारंभ बहनों के सम्मान से किया जा रहा है। उन्होंने शाल तथा पोषण दलिया भेंट कर महिलाओं का सम्मान किया। मुख्यमंत्री का बहनों ने तिलक, श्रीफल, शाल, आरती, मिठाई और पुष्प-गुच्छ भेंट कर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री के सम्मान में अभिनंदन-पत्र का वाचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री ने भरवाया योजना का आवेदन और दी पावती
मुख्यमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर योजना के लोगो, थीम साँग और ब्रोशर का विमोचन किया। उन्होंने योजना की आवेदन प्रक्रिया पर निर्मित लघु फिल्म भी लाँच की। मुख्यमंत्री ने बहनों को योजना में आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी देने के उद्देश्य से बहन कविता का आवेदन स्वयं भरवाया और उन्हें पावती भी दी। इस प्रक्रिया में मुख्यमंत्री ने बताया कि आवेदन के लिए समग्र आईडी नम्बर और आधार नम्बर आवश्यक है। मूल निवासी और आय प्रमाण-पत्र आदि की आवश्यकता नहीं है। मनीषा रैकवार ने लाड़ली बहना योजना के संबंध में अपने विचार रखे। योजना पर नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत की गई।
आवेदन के लिए हर गाँव और वार्ड में लगेंगे शिविर
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में आवेदन करने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। हर गाँव और हर वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे और आवेदन भरने में मदद करने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के वार्डों में शिविरों की जानकारी पहले से दी जाएगी। बहनें योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी बिचौलिए और दलाल के झाँसे में न आएँ। कोई भी कठिनाई होने पर फोन नम्बर 181 पर सूचना दी जाए।
बहनों की सुरक्षा के लिए बनाई जाएगी "लाड़ली बहना सेना"
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बहन-बेटियों की सुरक्षा, मान-सम्मान और उन्हें प्रगति के सभी अवसर उपलब्ध कराने दृढ़ प्रतिज्ञ है। बहन-बेटियों को पेरशान करने वालों पर कठोर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि एक लाडली बहना सेना भी बनाएंगे। गड़बड़ करने वालों को ठीक कर देंगे। उन्होंने सभी बहन-बेटियों को प्रगति और विकास की प्रक्रिया में सक्रियता से सहभागी होने का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम में मंत्रीगण, सांसद-विधायकगण और जन-प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में महिलाएँ उपस्थित थे।