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गुटबाजी छोड़ आपसी तालमेल की नसीहत दे गए अमित शाह, बूथस्तर पर संगठन की मजबूती का टास्क

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल में अपना दो दिवसीय दौरा पूरा कर शनिवार को वापस नई दिल्ली लौट गए हैं। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता तुषार कांति घोष ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि सुबह 10:00 बजे के करीब अमित शाह वापस रवाना हुए हैं।
हालांकि उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि शुक्रवार को बीरभूम में जनसभा के बाद जब वह कोलकाता लौटे तो पार्टी नेताओं के साथ बैठक में क्या कुछ चर्चा हुई। शनिवार को भी दिल्ली वापसी से पहले उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं संग बैठक की है जिसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष समेत केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार, निशीथ प्रमाणिक, मतुआ सांसद शांतनु ठाकुर और अन्य नेता उपस्थित थे।

दोनों दिनों की बैठक में अमित शाह ने पार्टी नेताओं को आपसी गुटबाजी छोड़ कर बेहतर तालमेल के साथ काम करने की नसीहत दी। अमित शाह ने कहा कि पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं में आपसी तालमेल नहीं है और गुटबाजी की वजह से वे एक-दूसरे पर सवाल खड़े करते हैं। उनका इशारा दिलीप घोष और शुभेंदु अधिकारी के बीच होने वाली जुबानी जंग की ओर थी। इसके अलावा अमित शाह ने पंचायत चुनाव में एकजुट होकर रणनीति बनाने और उसके क्रियान्वयन को कहा है।

शाह ने स्पष्ट किया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 42 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब 2024 में लोकसभा चुनाव होना है और उसके पहले होने वाला पंचायत चुनाव लिटमस टेस्ट की तरह है। इसलिए इसमें बेहतर प्रदर्शन पार्टी को अच्छा परफॉर्म करने में मददगार बनेगा। अमित शाह ने कहा है कि अभी से संगठन को इतना मजबूत करना है कि लोकसभा चुनाव में राज्य में कम से कम 35 सीटें आराम से जीत सकें। इसके लिए उन्होंने बूथस्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने और जमीनी कार्यकर्ताओं से बेहतर तालमेल रखने की नसीहत दी है।

उन्होंने कहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की हिंसक राजनीति से निपटने के लिए केंद्र से जो भी मदद की जरूरत पड़ेगी वह मिलेगी लेकिन बंगाल भाजपा को अपने दम पर पंचायत और लोकसभा चुनाव लड़ना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पार्टी में जनसंपर्क से लेकर केंद्रीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार और अन्य रणनीति की जिम्मेदारी अलग-अलग नेताओं को सौंपी जाए और हर हाल में इसके क्रियान्वयन के लिए योजना बना ली जाए।

AUTHOR :Parul Kumari

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