वृंदावन स्थित रंगनाथ मंदिर के दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव के अंतर्गत बुधवार को होली
वृंदावन स्थित रंगनाथ मंदिर के दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव के अंतर्गत बुधवार होली मनाई गई। इस मौके पर भगवान गोदारंगमन्नार ने भक्तों के साथ होली खेली। इस आयोजन से संपूर्ण वातावरण होलीमय हो गया। भक्तों में ठाकुरजी के प्रसाद रूपी रंग और गुलाल को लेने की होड़ रही। इसी के साथ वृंदावन में चली चालीस दिवसीय होली महोत्सव का भी समापन हो गया। ब्रज की पारंपरिक होली का उत्साह रंगनाथ मंदिर के ब्रह्मोत्सव में भी अभूतपूर्व रूप में देखने को मिला।
बुधवार मां गोदाम्बा सहित मंदिर से कांच के विमान पर निकले भगवान रंगनाथ बारहद्वारी मंडप पहुंचे। जहां मंदिर के पुजारी और दक्षिण भारतीय विद्वान वैदिक पाठ किए। इसके बाद भगवान को चांदी की पिचकारी से रंग लगाया गया। भगवान को रंग लगाने के बाद होली शुरू हुई। करीब 2 कुंतल फूलों से भगवान ने होली खेली। पूरा मंदिर परिसर फूलों की होली से रंगा नजर आया। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे अपने आराध्य के संग होली खेलने को आतुर भक्त निहाल हो गए हो, मानो उनकी वर्षभर की प्रतीक्षा का समापन हो गया। भक्तगण उच्चस्वर से भगवान रंगनाथ के जयकारे लगाने लगे। भगवान के राजसी ठाठ को प्रतिबिंबित करता हाथी सबसे अग्रणी चल रहा था। इसके बाद परंपरागत निषान और वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियों के मध्य भगवान की शाही सवारी निकली। भगवान के दर्शनों और प्रसादी रंग गुलाल के छींटे पाने को भक्त आतुर दिखे। जैसी ही सेवायत प्रसादी रंग डालते भक्त भावुकता और प्रेमातुरता के भाव से संयुक्त हो जाते। सवारी परंपरानुसार नगर निगम चौराहा होती हुई रंगजी के बगीचा पहुंची। जहां भगवान ने विश्राम किया तथा प्रभु के प्रसन्नार्थ भजन-नृत्य- कीर्तनादि की प्रस्तुति भक्तों द्वारा दी गई। इसके बाद सवारी पुनः मंदिर परिसर पहुंची। सायंकाल भगवान हाथी पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शनों का आनंदलाभ प्रदान करेंगे। भगवान की सर्वाधिक सौंदर्यशालिनी सवारियों में यह शुमार हैं।