मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह चुनावी वर्ष है, ऐसे में अभी से जुट जाएं और प्रभार के जिलों में सक्रियता बढ़ाएं
मध्यप्रदेश में भाजपा ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है। पार्टी पदाधिकारियों ने सत्ता की पांचवीं बार पारी खेलने के उद्देश्य से रविवार को भाजपा कार्यालय में मंत्रियों की बैठक लेकर उनकी क्लास ली। बैठक में मंत्रियों के परफार्मेंस पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड हाथ में लेकर बैठे थे। बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा मौजूद रहे।
पार्टी पदाधिकारियों ने मंत्रियों को आठ बिन्दुओं पर सख्त हिदायत दी। उन्हें कहा गया कि संगठन के कामों को प्राथमिकता दें। कहा गया कि विधानसभा के बजट सत्र के बाद मंत्रियों के प्रभार के जिले बदले जाएंगे। प्रभार के जिलों में मंत्रियों के दौरा न करने की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सत्ता और संगठन स्तर पर यह निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह चुनावी वर्ष है, ऐसे में अभी से जुट जाएं और प्रभार के जिलों में सक्रियता बढ़ाएं, रात्रि विश्राम करें, लोगों से मिलें और उनकी समस्याएं सुनें। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मंत्रियों को प्रभार के जिलों में सक्रियता बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि मंत्रियों से कहा कि प्रभार के जिलों में राजनीतिक स्थिति का मूल्यांकन करें और प्रवास बढ़ाएं। हमें टीम वर्क से काम करके 200 पार सीटें लाना है। मिलकर काम करो, कार्यकर्ताओं की सुनो, आप सरकार में मंत्री हो, इसलिए आपकी जिम्मेदारी ज्यादा है।
मंत्रियों को संगठन की तरफ से साफ कहा गया है कि यदि हम सरकार में हैं, तो संगठन और कार्यकर्ताओं की वजह से और इसी कारण से आप मंत्री हैं, इसलिए संगठन के कामों को प्राथमिकता दें। पार्टी जो भी कार्यक्रम निर्धारित करे, उन्हें गंभीरता पूर्वक समयबद्ध तरीके से पूरा करें। किसी भी हालत में कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश करें। कार्यकर्ताओं का संतुष्ट होना बहुत जरूरी है। जो मंत्री संगठन के कामों में गंभीरता नहीं दिखाएंगे, आगे स्वयं उत्तरदायी होंगे।
इन बिंदुओं पर दी गई नसीहत
मंत्रियों को आठ बिंदुओं पर नसीहत दी गई है। मसलन, हर महीने कोर कमेटी की बैठक के लिए उपलब्ध रहें। प्रभार के जिलों में एक रात जरूर गुजारें। जिले के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ कभी-कभी भोजन करते रहें। जिले में प्रवास के दौरान सबसे पहले जिला कार्यालय जाकर जिला पदाधिकारी, मंडल अध्यक्षों से चर्चा करें, इसके बाद सरकारी बैठकों में जाएं। जिले के 2-3 कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर अलर्ट पर रखें, ताकि आपात स्थिति में वे सीधे बात कर सकें। जिले में होने वाली सरकारी नियुक्तियां जल्द से जल्द पूरी करें। किसी भी सामाजिक संस्था संगठन के किसी कार्यक्रम में सहमति देने से पहले स्थानीय जिला अध्यक्ष से चर्चा जरूर कर लें। संगठन के कार्यक्रमों को प्राथमिकता से पूरा करें।
नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने बताया कि बैठक में सार्थक चर्चा हुई है। मंत्रियों ने अपने प्रभार के जिलों के प्रवास की जानकारी दी है। सभी मंत्रियों को प्रभार के जिलों में प्रवास बढ़ाने को कहा गया है। कई मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने अपने प्रभार के जिलों की दूरी ज्यादा होने की परेशानी बताई है। मंत्रियों के अनुरोध पर जल्द ही प्रभार के जिलों में बदलाव भी किया जाएगा।