केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
देश के प्रमुख बंदरगाहों ने वित्त वर्ष 2022-23 में व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित हुआ है। इन बंदरगाहों ने 79.5 करोड़ टन माल संभाला, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 10.4 फीसदी अधिक है।
केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने यहां भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान प्रमुख बंदरगाहों का प्रतिदिन का उत्पादन सर्वाधिक 17,239 टन रहा है, जो वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में छह फीसदी अधिक है। उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में प्रमुख बंदरगाहों पर 21,846 पोतों को संभाला गया।
उद्योग मंडल फिक्की के कार्यक्रम में अपने संबोधन में सोनोवाल ने कहा कि यह आंकड़ा विश्लेषण और कृत्रिम मेधा का लाभ उठाकर भारत परिचालन और बंदरगाहों को और प्रभावी बना सकता है। उन्होंने बताया कि प्रमुख बंदरगाहों को हरित हाइड्रोजन के परिवहन, भंडारण और साज-संभाल के लिए हाइड्रोजन केंद्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य 2030 तक हरित पोत विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनना है। इसके लिए ‘ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम’ शुरू किया गया है।
भारत के 12 प्रमुख बंदरगाहों में दीनदयाल (कांडला), मुंबई, मोरमुगाओ, न्यू मैंगलोर, कोचीन, चेन्नई, एन्नोर (कामराजार), तूतीकोरिन (वी ओ चिदंबरनार), विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया समेत) और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह शामिल हैं।