ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने महिला प्रकोष्ठ को बहाल कर दिया है। इस बार महिला प्रकोष्ठ को और अधिक मजबूत बनाने के लिए उसे देशभर के चार भागों में बांट कर प्रत्येक का अलग-अलग समन्वयक नियुक्त किया गया है। ऑल इंडिया स्तर पर इनकी निगरानी के लिए राष्ट्रीय समन्वयक की नियुक्ति भी की गई है। यह जानकारी बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने दी है।
मौलाना रहमानी ने बताया है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महिला प्रकोष्ठ को मजबूत बनाने और महिलाओं तक अपनी पहुंच को आसान बनाने के लिए इसे 4 जोन में बांटा गया है और हर जोन के लिए अलग-अलग कन्वीनर की नियुक्ति की गई है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की 5 फरवरी, 2023 को आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में महिलाओं को बोर्ड से ज्यादा से ज्यादा जोड़ने के लिए यह फैसला लिया गया था। इस फैसले पर अमल करते हुए बोर्ड ने नई नियुक्तियां की हैं।
बोर्ड महासचिव खालिद सैफुल्लाह रहमानी के अनुसार राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के लिए प्रोफेसर मोनिसा बुशरा आब्दी को कन्वीनर नियुक्त किया गया है। असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा आदि राज्यों के लिए उजमा आलम को कन्वीनर नियुक्त किया गया है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, कश्मीर हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड आदि राज्यों के लिए अतिया सिद्दीका को कन्वीनर बनाया गया है। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों के लिए के उम्मतुल वहीद फाखिरा अतीक को कन्वीनर बनाया गया है। इन चारों जोनों की निगरानी के लिए जलीसा सुल्ताना यासीन एडवोकेट को ऑल इंडिया का कन्वीनर नियुक्त किया गया है।
मौलाना रहमानी का कहना है कि हर जोन के कन्वीनर को यह निर्देश दिया गया है कि वह अपने अपने जोन के तहत आने वाले राज्यों की सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाली सक्रिय महिलाओं को जोड़ने का काम करें। इसके साथ ही बोर्ड की तरफ से दिए जाने वाले दिशा-निर्देशों के अनुसार समाज सुधार और इस्लामी शरीयत के संरक्षण के कामों को आगे बढ़ाएं। उनका कहना है कि इस तरह से बोर्ड के कामों में काफी तेजी आएगी और देशभर में मुस्लिम महिलाओं और बेटियों से बोर्ड का संपर्क भी मजबूत होगा। इसके अलावा बोर्ड को अपनी रणनीति बनाने में भी काफी आसानी मिलेगी।
उन्होंने बताया कि बोर्ड ने कुरान और सुन्नत की रोशनी में आपसी समस्याओं और छोटे-मोटे झगड़े आदि को सुलझाने के लिए देशभर में दारुल कजा की स्थापना की है। इस तरह की 80 दारुल कजा इस समय कार्य कर रही है और इसकी पूरी तरह से निगरानी कर रहा है। उन्होंने बताया कि समाज सुधार के नाम से एक कमेटी बोर्ड ने बहुत पहले स्थापित की थी, इसमें महिलाओं को एक अलग कमेटी बनाकर शामिल किया गया था। बोर्ड ने महिलाओं की अहमियत को देखते हुए इस कमेटी को और अधिक सक्रिय बनाने का फैसला लिया है, जिसके तहत इस तरह की नियुक्तियां की गई हैं।