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नेपाल के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रेग्मी भी लड़ सकते हैं राष्ट्रपति पद का चुनाव

नेपाल में महामहिम के पद के उम्‍मीदवार

नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। इसके मद्देनजर अब गैर-राजनीतिक लोगों ने भी उम्मीदवारी को लेकर अपनी-अपनी दावेदारी पेश करनी शुरू कर दी है। उनका मानना है कि राजनीतिक दलों के बीच यदि कोई सहमति नहीं बनती है तो अंततः उनके नाम पर सहमति जरूर बन जाएगी।

नेपाल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में पूर्व मुख्य न्यायाधीश खिलराज रेग्मी और कल्याण श्रेष्ठ के नाम चर्चा में हैं। जजेज एसोसिएशन ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि जज राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्य हैं। वर्तमान जज ईश्वर प्रसाद खातीवाड़ा की अध्यक्षता वाली सोसायटी ने एक बयान में कहा कि जज भी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्य होते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पूर्व न्यायाधीश को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति बनाना कानून के खिलाफ है।

वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी ने कहा है कि तकनीकी रूप से मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बन सकते हैं, लेकिन बुनियादी संवैधानिक नैतिकता की दृष्टि से यह सही नहीं है। त्रिपाठी कहते हैं कि जजों को राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बनाने की परंपरा यदि शुरू हुई तो सेवा से रिटायर होने के बाद भी वो पद पाने की लालसा रखेंगे, जो संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ है।

सिविल सोसायटी के नेता भी प्रमुख राजनीतिक दलों के सत्ता संघर्ष का फायदा उठाने की फिराक में हैं। उनमें से कुछ को राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के रूप में देखा जा सकता है। उम्मीदवारों में पूर्व वित्त मंत्री देवेंद्र राज पांडेय और संसद के पूर्व स्पीकर दमननाथ ढुंगाना के नाम शामिल हैं। हालांकि, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद का आकांक्षी चाहे जो कोई भी हो, लेकिन इसका उम्मीदवार बनने के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन अनिवार्य है।

AUTHOR :Parul Kumari

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