उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राष्ट्रीय अध्यक्ष निषाद पार्टी डॉ संजय कुमार निषाद
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राष्ट्रीय अध्यक्ष निषाद पार्टी डॉ संजय कुमार निषाद ने रविवार को प्रतापगढ़ के ढकवा बाजार में सभा को एक जनसभा को संबोधित किया। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि निषाद पार्टी का विजन और मिशन है कि गांव के गरीब के हाथ में पावर आये, क्योंकि आजादी के 70 दशक बाद भी देश व प्रदेश में राज करने वाली पार्टियों ने केवल अपने सहयोगियों को लाभ पहुँचाया। किन्तु गाँव के गरीब के नाम पर वोट लेने के बाद भी उनके लिए कभी कुछ नहीं किया। आज हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। गांव के गरीब के साथ साथ हर धर्म और वर्ग का विकास है।
निषाद ने बताया कि जिस मछुआ समाज को पूर्व की सरकारें अछूत समझती थी, आज उसका ख्याल रखने का काम केंद्र और प्रदेश की सरकार कर रही है। पिछले बजट में 20 हजार करोड़ ब्लू रेवोल्यूशन के नाम पर मछुआ समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रावधान किया है। बीते दिन में पास हुए बजट में मछुआ समाज के लिए 6 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान कर मछुआ समाज को विकास के क्रम में आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
कैबिनेट मंत्री ने अपने विभाग से संबंधित बजट के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। निषादराज बोट सब्सिडी योजना हेतु 5 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार 22-2023 वित्त वर्ष में सभी मछुआरों को मत्स्य पालक कल्याण कोष से निम्न मदों में सहायता प्रदान की जा रही है।
(क) मत्स्य पालक/मछुआरा बाहुल्य ग्रामों में अवसंरचनात्मक (बारात घर) सुविधाओं की स्थापना, जिसमें सामुदायिक भवन का निर्माण भी सम्मिलित है।
(ख) दैवीय आपदाओं से हुई किसी क्षति की स्थिति में मत्स्य पालक/मछुआरा परिवार को वित्तीय सहायता का उपबंध कराना।
(ग) वैवाहिक सहायता।
(घ) शिक्षा हेतु सहायता (कोचिंग, कौशल उन्नयन, छात्रवृत्ति आदि)।
(ङ) चिकित्सा सहायता।
(च) वृद्धावस्था सहायता।
(छ) केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित क्षेत्रफल एवं धनराशि के अनुसार एकल आवास सहित मछुआ आवास निर्माण सहायता की भी अनुज्ञा प्रदान की जायेगी।
(ज) उच्च तकनीकी ज्ञान प्रदान करने, अन्तर्राज्यीय भ्रमण, दक्षता विकास प्रदर्शनी और सेमिनारों के लिए मत्स्य पालकों/मछुआरों के प्रशिक्षण/भ्रमण पर कुल कोष का दो प्रतिशत तक व्यय।
(झ) मत्स्य पालक/मछुआ परिवारों की महिलाओं को सशक्त करना।
(ञ) मछली पकड़ने के जाल/उपकरणों की सुविधा की व्यवस्था करना और मछली विक्रय हेतु मोपेड आइस बाक्स आदि उपलब्ध कराना।
(ट) मत्स्य सम्बन्धी अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक बैंक ऋण/मत्स्य पालक क्रेडिट कार्ड हेतु ब्याज पर आर्थिक सहायता। आर्थिक सहायता की दरें उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के विनिश्चय के अनुसार होगी।
(ठ) जल जीव पालन सम्बन्धी गतिविधियों हेतु विद्युत पर राज्य-सहायता।
इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में बहुत ही कम समय शेष रहने के कारण मत्स्य पालक कल्याण कोष के अन्तर्गत प्रथम चरण में निम्न 05 कार्यक्रमों /परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा, जिस हेतु दिशा-निर्देश निर्गत किये जा रहे हैं:-
(अ) मत्स्य पालक/मछुआरा बाहुल्य ग्रामों में ऐसी अवसंरचनात्मक सुविधाओं की स्थापना, जिसमें सामुदायिक भवन का निर्माण भी सम्मिलित है।
(ब) दैवीय आपदाओं से हुई किसी क्षति की स्थिति में मत्स्य पालक/मछुआरा परिवार को वित्तीय सहायता का उपबंध कराना
(स) चिकित्सा सहायता
(द) केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित क्षेत्रफल एवं धनराशि के अनुसार एकल आवास सहित मछुआ आवास निर्माण सहायता की भी अनुज्ञा प्रदान की जाएगी
(य) उच्च तकनीकी ज्ञान प्रदान करने, अन्तर्राज्यीय भ्रमण, दक्षता विकास प्रदर्शनी और सेमिनारों के लिए मत्स्य पालकों/मछुआरों के प्रशिक्षण/भ्रमण पर कुल कोष का दो प्रतिशत तक व्यय मछुआ कल्याण कोष से दिया जाएगा।
निषाद ने बताया कि पूर्व की सरकारों द्वारा मछुआ समाज को हमेशा हाशिये पर रखने का कार्य किया था, केवल वोट बैंक की तरह मछुआ समाज का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार मछुआ समाज के सर्वागीण विकास के लिए उचित कदम उठा रही है।