तृणमूल कांग्रेस केंद्र पर दबाव बनाने की तैयारी में
पश्चिम बंगाल में 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के फंड के इस्तेमाल में भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद केंद्र सरकार ने पिछले एक साल से फंड रोक रखा है। अब इसे जारी करवाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस केंद्र पर दबाव बनाने की तैयारी में है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार में जनसभा के दौरान घोषणा की है कि राज्य से एक करोड़ लोग मनरेगा का फंड रिलीज करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसमें किसी भी तरह का भ्रष्टाचार है तो केंद्र चाहे तो सीबीआई जांच करवा ले। लेकिन फंड रोकना स्वीकार नहीं है।
अभिषेक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने दो बार प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) से इस संबंध में मुलाकात की और राज्य का बकाया भुगतान की मांग की। अब तृणमूल कांग्रेस इस संबंध में अभियान चलाएगी जिसके तहत एक महीने के भीतर एक करोड़ लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस बाबत पत्र लिखेंगे। अगर एक महीने के अंदर मनरेगा का फंड जारी नहीं किया गया तो पार्टी दिल्ली को जाम करेगी।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना के लिए काम किया है उन्हें आवश्यकता पड़ने पर हम दिल्ली ले जाएंगे। उनके रहने की व्यवस्था करेंगे लेकिन राजधानी में बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली बढ़त का जिक्र करते हुए अभिषेक ने कहा कि बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने केंद्र को पत्र लिखकर मजदूरों का पैसा रोकने को कहा है। बंगाल के लोगों ने उन्हें लोकसभा में सीटें दीं और जीतने के बाद उन्होंने आपके पैसे रोक लिए। लेकिन राज्य सरकार बंगाल के लोगों को लगातार राज्य की योजनाओं का लाभ दे रही है। भाजपा आस्तीन का सांप है।
उन्होंने बार-बार पृथक बंगाल की मांग संबंधी भाजपा नेताओं के बयान का भी जिक्र किया और कहा कि बंगाल अखंड बंगाल है। इसके बंटवारे की बात कतई स्वीकार नहीं की जाएगी।
अभिषेक ने दावा किया कि 20 लाख परिवार के लोग मनरेगा के फंड नहीं मिलने की वजह से पीड़ित है। उन्होंने कहा कि 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना के तहत एक करोड़ 38 लाख परिवार के लोगों ने अपना पंजीकरण करवाया है। ये सभी लोग पत्र लिखेंगे। इसके बाद अभिषेक में पार्टी नेताओं से अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोगों की सूची बनाएं जिन्हें 100 दिनों के रोजगार का फंड नहीं मिला है। इनकी ओर से लिखा गया पत्र केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को संबोधित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले मैं खुद ही केंद्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह से मिलने गया था लेकिन वह हम लोगों से मिले ही नहीं। इसकी वजह है कि उनके पास हमारा सामना करने का साहस नहीं है। वे चुनाव हार गए हैं, इसलिए बंगाल के लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं।