You will be redirected to an external website

इकोसिस्टम संतुलित करने के लिए हर वर्ष एक सप्ताह का वैश्विक लॉकडाउन हो: पर्यावरणविद पायेंग

इकोसिस्टम-संतुलित-करने-के-लिए-हर-वर्ष-एक-सप्ताह-का-वैश्विक-लॉकडाउन-हो:-पर्यावरणविद-पायेंग

मंगलवार को कोकराझार में चल रहे चार दिवसीय बोडोलैंड अंतरराष्ट्रीय ज्ञान महोत्सव में पायेंग

ग्लोबल वार्मिंग पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरणविद जादव पायेंग ने मंगलवार को वैश्विक नेताओं से इको-सिस्टम में संतुलन बनाने के लिए हर वर्ष दुनियाभर में एक सप्ताह का लॉकडाउन करने का आह्वान किया है।

पायेंग मंगलवार को कोकराझार में चल रहे चार दिवसीय बोडोलैंड अंतरराष्ट्रीय ज्ञान महोत्सव के दूसरे दिन 'स्वदेशी ज्ञान प्रणाली' विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। पायेंग को भारत का वन पुरुष भी कहा जाता है। बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) सरकार के सक्रिय समर्थन से बोडोलैंड विश्वविद्यालय ने चार दिवसीय ज्ञान महोत्सव का आयोजन किया गया है। पायेंग ने कहा, “ मैं दुनिया के करोड़ लोगों से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाने की दिशा में सोचें। मुझे लगता है कि अगर हम विश्व स्तर पर एक साल में एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगा सकते हैं, तो पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन धीरे-धीरे वापस आ जाएगा। मैं यह अपने व्यक्तिगत अनुभव से कह रहा हूं।"

'ईश्वर ही प्रकृति है और प्रकृति ही ईश्वर है' की अवधारणा में विश्वास रखने वाले पायेंग ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने भारत में वनों और हरियाली को संरक्षित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा था। उन्होंने कहा, “मैंने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा है कि हम जंगलों को नष्ट करके विकास नहीं ला सकते हैं। हमें अपने जंगलों और प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए। प्रकृति की कीमत पर विकास एक अभिशाप है।"

पायेंग ने यह भी उम्मीद जताई कि देश में नई शिक्षा नीति कुछ बदलाव लाएगी। उन्होंने महिलाओं के लिए 60 प्रतिशत आरक्षण की वकालत की। छात्रों को संबोधित करते हुए 64 वर्षीय पायेंग ने अपने शुरुआती दिनों को याद किया, जब उन्होंने 1979 में पेड़ लगाना शुरू किया था, जो अंततः 30 वर्षों के बाद एक विशाल जंगल में बदल गया।

उत्सव के दूसरे दिन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सतत कृषि, व्यवहार परिवर्तन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, लिंग सशक्तिकरण, संचार और मीडिया, मानवाधिकार, बाल अधिकार और संरक्षण और शांति निर्माण जैसे विषयों पर कई सेमिनार हुए। इससे पहले,सोमवार को नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस, पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित परोपकारी और हीरा निर्यातक सावजी भाई ढोलकिया, सेसमोल के संस्थापक सोनम वांगचुक, बॉलीवुड अभिनेता और परोपकारी विवेक ओबेरॉय सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में महोत्सव का उद्घाटन किया गया था।

AUTHOR :Parul Kumari

अमृतसर-में-पुलिस-से-भिड़े-हजारों-खालिस्तान-समर्थक,-अपने-साथी-के-विरोध-में-उठाये-बंदूक-व-तलवार Read Previous

अमृतसर में पुलिस से भिड़...

सिसोदिया-को-सुप्रीम-कोर्ट-से-राहत-न-मिलने-पर-भाजपा-ने-कहा,-'जैसा-काम-करोगे,-वैसी-ही-गति-होगी' Read Next

सिसोदिया को सुप्रीम कोर...