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पाक-अफगान सीमा बंद: हजारों ट्रक फंसे, खाद्य सामग्री का संकट

पाक-अफगान-सीमा-बंद:-हजारों-ट्रक-फंसे,-खाद्य-सामग्री-का-संकट

पाकिस्‍तान व अफगानिस्‍तान की सीमा पर फंसे वाहन जिसमें लदे हैं अनाज

पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा बंद होने से पाकिस्तान के भीतर खाद्य सामग्री का संकट पैदा हो गया है। सीमा पर हजारों ट्रक फंसे हुए हैं, किन्तु पिछले पांच दिनों से सीमा खोली नहीं जा रही है। इससे निर्यातकों को भी खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है।

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा स्थित तोरखाम बॉर्डर पिछले पांच दिनों से बंद है। इस कारण सात हजार से ज्यादा ट्रक सीमा पर खड़े हैं। इन ट्रकों में अन्य सामान के साथ फल, सब्जियां, जूस, पोल्ट्री और अंडे आदि भरे हुए हैं। निर्यातकों का कहना है कि इनमें से तमाम सामान खराब होने वाला है, इसलिए सीमा बंद रहने से निर्यातकों का भारी नुकसान हो सकता है। इसी कारण पाकिस्तान के अंदर खाद्य सामग्री का संकट भी उत्पन्न हो गया है। पहले ही महंगाई झेल रहे पाकिस्तान में खाद्य सामग्री न पहुंचने के कारण भी फल व सब्जियां खासे महंगे हो गए हैं।

पाकिस्तान-अफगानिस्तान जॉइंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के निदेशक जिया उल हक सरहदी ने बताया कि अगर जल्द ही बॉर्डर के गेट नहीं खोले गए तो निर्यातकों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

दरअसल, तोरखाम बॉर्डर, पाकिस्तान और मध्य एशियाई देशों के बीच व्यापार का एक मुख्य मार्ग है। बीते दिनों पाकिस्तान सरकार ने अफगानिस्तान सरकार पर पाकिस्तानी तालिबान को पनाह देने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि पाकिस्तानी तालिबान की सक्रियता के कारण ही पाकिस्तान में आतंकी हमले बढ़े हैं। इस बयान से नाराज होकर अफगानिस्तान ने पांच दिन पहले तोरखाम बॉर्डर के अपनी तरफ के गेट बंद कर दिए। जिससे दोनों तरफ हजारों की संख्या में ट्रक सामान लदे सीमा पर खड़े हुए हैं।

निर्यातकों व व्यापारियों की तमाम कोशिशों के बाद अफगानिस्तान सरकार ने गुरुवार को अपनी तरफ के गेट खोल दिए हैं लेकिन पाकिस्तान की सरकार ने अभी तक अपनी तरफ के गेट नहीं खोले हैं। इससे निर्यातकों और व्यापारियों को रोजाना हजारों रुपए विलंब शुल्क के रूप में देने पड़ रहे हैं। साथ ही ट्रकों में लदे सामान के खराब होने का भी खतरा बढ़ रहा है। जिससे निर्यातक दोहरा नुकसान झेल रहे हैं।

जिया उल हक सरहदी ने बताया कि अफगानिस्तान को चीनी निर्यात करने का कोटा 45 दिन में समाप्त हो जाता है। अब सिर्फ 20 दिन बचे हैं। ऐसे में अगर जल्द ही बॉर्डर के गेट नहीं खोले गए तो व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। अफगानिस्तान सरकार ने गेट खोल दिए हैं लेकिन अभी तक पाकिस्तान सरकार ने गेट नहीं खोले हैं। जिसने निर्यातकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए पाकिस्तान आते हैं। ऐसे में बॉर्डर बंद होने से बीमार लोगों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

AUTHOR :Parul Kumari

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