राज्य चुनाव आयोग
पश्चिम बंगाल में आसन्न पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। राज्य चुनाव आयोग ने इस संबंध में चर्चा के लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों की बैठक आगामी 18 अप्रैल को बुलाई है। वर्चुअल जरिए से यह बैठक होगी।
राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि गुरुवार को इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। दोपहर दो बजे से होने वाली इस बैठक में जिलाधिकारियों के साथ पंचायत चुनाव अधिकारियों को भी बैठक में शामिल होने को कहा गया है। इससे स्पष्ट है कि पंचायत चुनाव को लेकर चर्चा होनी है। फिलहाल सरकारी तौर पर पंचायत चुनाव को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
राज्य सचिवालय सूत्रों के मुताबिक 28 अप्रैल को पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है। उसके 12 दिनों के भीतर चुनाव कराना संभव नहीं हो पाएगा इसलिए 21 से 35 दिनों के भीतर चुनाव कराने होंगे। इसीलिए दावा किया जा रहा है कि मई महीने के दूसरे या तीसरे सप्ताह में पंचायत चुनाव हो सकते हैं।
राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि चुनाव कर्मियों के चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी। कोशिश की जाएगी कि इसमें राज्य और केंद्र के कर्मचारियों को मिलाकर ऐसी टीम बनाई जाए जो पंचायत चुनाव संपन्न कराएगी। पंचायत चुनाव अगर एक चरण में होगा तो कम से कम 3.5 लाख चुनाव कर्मियों की जरूरत पड़ेगी। हालांकि सुरक्षा के लिए केवल राज्य पुलिस की मदद ली जाएगी या केंद्रीय बलों की भी तैनाती होगी, इस बारे में फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत मतदान केंद्रों की संख्या 61 हजार 340 है। प्रत्येक मतदान केंद्र पर अगर दो पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी तब भी करीब एक लाख 23 हजार पुलिसकर्मियों की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा नाका चेकिंग, क्विक रिस्पांस टीम, मोबाइल रिस्पांस टीम समेत स्ट्रांग रूम की सुरक्षा आदि के साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी अतिरिक्त संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती करनी पड़ेगी। इतनी अधिक संख्या में राज्य पुलिस उपलब्ध करा पाएगा या नहीं इसमें भी संशय है। इसलिए केंद्रीय बलों की तैनाती के बारे में निर्णय लिया जा सकता है।