मुख्यमंत्री डॉ. सरमा
असम सरकार ने 11 हजार 500 कलाकारों के साथ असम में सबसे बड़ा बिहू नृत्य आयोजित करने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विस्व सरमा ने मंगलवार को बताया कि इस उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने का लक्ष्य है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई प्रमुख लोग भी शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा मंगलवार को जनता भवन (असम सचिवालय) में सांस्कृतिक मामले एवं उद्योग मंत्री बिमल बोरा तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री केशव महंत के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बैसाख माह के एक दिन पहले यानी 14 अप्रैल को रंगाली बिहू यानी बोहाग बिहू के दिन गुवाहाटी के सोरुजाई स्टेडियम में सबसे बड़ा बिहू नृत्य का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में 11 हजार 500 नर्तक और ढोल वादक असम के पारंपरिक लोक नृत्य बिहू की प्रस्तुति देंगे। इस उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि 14 अप्रैल के मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य बिहू को लोकप्रिय बनाना और इसे विश्व मंच पर ले जाना है। डॉ. शर्मा ने कहा कि चार सौ अनुभवी कोरियोग्राफर बिहू नृत्य कलाकारों को प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए 27 फरवरी से कलाक्षेत्र में तैयारियां शुरू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों के साथ-साथ जी20 और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के राजदूतों को भी आमंत्रित किया जा रहा। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री इसके अतिरिक्त रंगघर के सौंदर्यीकरण, एम्स गुवाहाटी के उद्घाटन, पलाशबाड़ी और शुआलकुची पुलों के शिलान्यास कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया को सुचारू और प्रभावी तरीके से सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। नृत्य प्रदर्शन का एक वीडियो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जमा किया जाएगा। श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में मास्टर प्रशिक्षकों के निर्देशन प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण सत्र में प्रदेश के विभिन्न जिलों के बिहू नृत्य कलाकार भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों के चयन और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी जिला बिहू समिति ने ली है। कार्यक्रम के लिए 6 से 12 अप्रैल तक ड्रेस रिहर्सल होगी।
डॉ. सरमा ने कहा कि इस प्रस्तुति में 11,500 प्रतिभागी भाग लेंगे, इसमें 70 प्रतिशत लड़कियां और 30 प्रतिशत लड़के होंगे, इनकी उम्र 15 से 35 साल के बीच है। कार्यक्रम आयोजन के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने व्यक्तिगत पहचान की सुविधा के लिए बिहू नर्तकियों को एक समर्पित पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए आमंत्रित किया है। प्रतिभागियों को परिवहन व्यय के लिए तीन सौ रुपये और कपड़ों के लिए तीन हजार रुपये दिए जाएंगे। इन सभी कलाकारों को राज्य सरकार सम्मानित भी करेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने बिहू के चहुंमुखी प्रचार के लिए एक मार्च से 14 अप्रैल तक पावरलूम के जरिये तैयार असमिया गमछा, मेखला-चादर और पावरलूम से तैयार अरोनाई (बोडो जनजाति का वस्त्र) की बिक्री पर रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध पारंपरिक हथकरघा के बारे में जागरुकता बढ़ाने और मशीन से बनी वस्तुओं के उपयोग को हतोत्साहित करने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सात दिवसीय बिहू उत्सव अगले साल की शुरुआत में सोरुसजाई स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम के माध्यम से पारंपरिक असमिया संस्कृति और नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे। इस वर्ष एकमात्र फोकस प्रचार के माध्यम से बिहू को लोकप्रिय बनाना और बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करना है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि यह विश्व रिकार्ड का प्रयास राज्य के सांस्कृतिक इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि कोकराझार के पटगांव में बोडो साहित्य सभा के 62वें वार्षिक सम्मेलन में जिन बातों की घोषणा की गयी थी, उनकी तत्काल तैयारियां शुरू की जाएंगी।