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नेपाल में एक्सप्रेस हाईवे बनाने वाली चीनी कंपनियों की देरी पर नेपाल के प्रधानमंत्री नाराज

काठमांडू-तराई एक्सप्रेस हाईवे

काठमांडू-तराई एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण कार्य में चीनी कंपनियों की देरी पर प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने नाराजगी जताई है। नेपाली सेना की देखरेख में चीनी कंपनियों को काठमांडू-तराई एक्सप्रेस हाईवे का ठेका दिया गया है। इसका निर्माण नवंबर, 2024 तक पूरा हो जाना चाहिए, लेकिन अभी तक 25 फीसदी निर्माण भी पूरा नहीं हो सका है। निर्माण कार्य में देरी के चलते प्रधानमंत्री ने मंगलवार को निरीक्षण करके प्रगति का जायजा लिया।

निरीक्षण के दौरान प्रधानमंत्री प्रचंड के साथ उप प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री पूर्ण बहादुर खड़का, भौतिक आधारभूत संरचना मंत्री प्रकाश ज्वाला, जनरल प्रभुराम शर्मा और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मौजूद थे। एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण कार्य को 11 पैकेज में बांटा गया है, लेकिन चीनी कंपनियों को ठेके सिर्फ छह पैकेज में दिए गए हैं। अनुबंध के मुताबिक नवंबर, 2024 तक निर्माण पूरा हो जाना चाहिए, लेकिन अभी तक एक्सप्रेस हाईवे का 25 फीसदी निर्माण भी पूरा नहीं हो सका है।

बताया गया है कि पैकेज 1 और 2 में 10 किलोमीटर लंबी सुरंगें हैं। इस निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए क्रमशः चाइना स्टेन इंजीनियरिंग और पॉली चंडा इंजीनियरिंग को ठेका दिया गया। सड़कों और पुलों के ठेके चाइनीज कंपनी सिचुआन जेवी, पॉली चंडा इंजीनियरिंग और एसडीएलक्यू को दिए गए हैं। 72.5 किमी लंबे एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण पर एक अरब 75 करोड़ नेपाली रुपये खर्च होने का अनुमान है। निर्माण कार्य की अवधि बढ़ने के साथ ही लागत भी बढ़ेगी। एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण की अवधि बढ़ाने के लिए सेना पहले ही सरकार को पत्र लिख चुकी है।

AUTHOR :Parul Kumari

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