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बाबा साहेब के व्यक्तित्व से लोक सेवकों को प्रेरणा लेने की जरूरत : कोविंद

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का व्यक्तित्व और कृतित्व से लोक सेवकों को प्रेरणा लेने की जरूरत है। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी के ‘विधान एवं संविधान माह’ के अंतर्गत ‘रिपब्लिकन एथिक : थ्रू डॉ. बीआर आंबेडकर’ विषय पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने नेशनल सेंटर ऑफ लॉ एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एनसीएलए) और डिस्ट्रिक गवर्नेंस एंड फील्ड एडमिनिस्ट्रेशन सेंटर (डीआईजीएफएसी) का शुभारंभ किया। इस दौरान अधिकारियों ने उक्त दोनों सेंटरों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भीमराव आंबेडकर भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ,और समाज सुधारक थे। उन्होंने अछूतों और दलितों से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। उन्होंने श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। बाबा साहेब भारतीय संविधान के जनक और भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। लोक सेवकों के रूप में, अपने जिलों में अच्छा प्रशासन विकसित करने के लिए संविधान से समावेशी विशेषताओं को समझना और लागू करना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को, महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों और जातीय अल्पसंख्यकों जैसे उपेक्षित समूहों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना चाहिए। यह जुड़ाव उनकी जरूरतों और चुनौतियों में अंतरदृष्टि प्रदान करेगा और सिविल सेवकों को ऐसी नीतियों और कार्यक्रमों को डिजाइन करने में मदद करेगा जो उनकी जरूरतों के प्रति उत्तरदायी हों।

प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने अकादमी में आयोजित ‘विधान और संविधान माह’ कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि विधान और संविधान की गहरी जानकारी सिविल सेवा के अधिकारियों के लिए बहुत आवश्यक है।

राज्यपाल ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत करते हुए कहा कि उनका जीवन हम सबके लिए आदर्श है, मुझे भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखने का सौभाग्य मिला। संविधान में हमारे मौलिक अधिकार, हमारे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, सांस्कृतिक और भाषाई विविधता, शिक्षा का अधिकार हमारे लिए, एक भारत बनाने के लिए सभी दिशानिर्देश हैं। लोक सेवकों के रूप में, यह सुनिश्चित करने के लिए आप सभी पर एक बड़ी जिम्मेदारी है कि हम सभी उस लक्ष्य के लिए प्रयास करें।

राज्यपाल ने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है और हमारी जी-20 की अध्यक्षता सार्वभौमिक रूप से स्वीकार की जा रही है। हमने वसुधैव कुटुंबकम् की भावना से प्रेरित होकर इस वर्ष जी-20 की थीम वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर रखा है। राज्यपाल ने कहा कि 21 वीं सदी का सबसे बड़ा लक्ष्य भारत का एक आधुनिक भारत, एक आत्मनिर्भर भारत बनना है। जिसमें आप सभी लोक सेवकों का महत्वपूर्ण योगदान होने वाला है।सेमिनार में सविता कोविंद,अकादमी के निदेशक श्रीनिवास आर.कटिकिथाला, संयुक्त निदेशक सौजन्या सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

AUTHOR :Parul Kumari

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