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राहुल गांधी के विवादास्पद बयानों को लेकर चल रहे हैं मानहानि के कई मामले

भाजपा के मध्‍यप्रदेश अध्यक्ष अरुण साव

भाजपा के मध्‍यप्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने शनिवार को पत्रवार्ता में राहुल गांधी के विवादास्पद बयानों और उन पर ऐसे बयानों को लेकर चल रहे मानहानि के मामलों की एक पूरी सूची प्रस्तुत की। उन्होंने गांधी परिवार पर उनके बयानों को लेकर तीखा हमला किया और कहा कि अपने आप को देश से बड़ा समझने की भूल कर बैठे हैं। अरुण साव ने कहा कि कानून सब के लिए बराबर है, क्या राहुल गांधी के लिए अलग से कानून और संविधान बनाया जाए? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पहले सदस्य नहीं जिनकी सदस्यता रद्द हुई।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का पहला केस साल 2014 में हुआ था। ये केस महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में चल रहा है। आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का मामला दर्ज है। राहुल गांधी ने भिवडी में एक भाषण के दौरान संघ (आरएसएस) पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था।

2016 में राहुल गांधी के खिलाफ असम के गुवाहाटी में धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा था कि 16वीं सदी के असम के वैष्णव मठ बरपेटा सतरा में संघ सदस्यों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। उनके इस आरोप से संघ की छवि को नुकसान पहुंचा है। ये मामला भी अभी कोर्ट में पेंडिंग है।

साल 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में एक और केस दर्ज किया गया। यह केस रांची की सब डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहा है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपये मानहानि का केस दर्ज है। इसमें राहुल के उस बयान पर आपत्ति जताई गई है, जिसमें उन्होंने मोदी चोर है कहा था।

वर्ष 2018 में ही राहुल गांधी पर महाराष्ट्र में एक और मानहानि का केस दर्ज हुआ, ये मामला मझगांव स्थित शिवड़ी कोर्ट में चल रहा है। आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज है। केस संघ के कार्यकर्ता ने दायर किया था। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को भाजपा और संघ की विचारधारा से जोड़ा। सारे मोदी चौर हैं- वाले बयान पर पटना में भी राहुल गांधी के खिलाफ सुशील मोदी द्वारा केस दर्ज है। भाजपा सांसद और पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने राहुल गांधी के विवादास्पद बयानों की भी जानकारी दी।

1- राहुल गांधी ने 20 सितंबर 2018 को राजस्थान के डूंगरपुर में कहा कि नरेन्द्र मोदी ने कहा था मैं देश का प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूं, मैं देश का चौकीदार बनना चाहता हूं। लेकिन आज देश के दिल में राजस्थान की जनता के दिल में एक नई आवाज उठ रही है, गली-गली में शोर है, हिंदुस्तान का चौकीदार चोर है। यह गाली और अपशब्द वह 2019 के पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान देते रहे।

2- पांच अगस्त 2022 को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हिटलर से तुलना की और मोदी सरकार को तानाशाही सरकार करार दिया। कहा- चुनाव तो हिटलर भी जीतता था।

3- 13 अप्रैल को 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के बेंगलुरु के पास कोलार में राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है।

4- 06 फरवरी 2020 को राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि छह महीने में लोग उन्हें डंडे मारने लगेंगे।

5- 15 अक्टूबर, 2019 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को कुछ उद्योगपतियों का भोंपू करार देते हुए कहा कि उनकी रणनीति एक जेबकतरे जैसी है, जो चोरी से पहले लोगों का ध्यान बांट देता है। महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी अडाणी और अंबानी के भोंपू हैं।

6- राहुल गांधी ने जवानों की वीरता को खून की दलाली कहा। 6 अक्टूबर, 2016 को किसान यात्रा के दौरान दिल्ली पहुंचने पर इन शब्दों का इस्तेमाल किया।

7- राहुल गांधी ने ललित मोदी विवाद को लेकर अगस्त 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर अनर्गल टिप्पणी की थी, तब भी राहुल गांधी से उनके अपरिपक्व बयानों के लिए माफी मांगने की बात हुई थी।

8- फरवरी 2016 में जेएनयू विवाद पर राहुल गांधी ने असम में आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा था कि युवाओं को देशद्रोही बताना उनकी आवाज को दबाने जैसा है। इससे पहले राहुल गांधी जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे नारे लगाने वाले देशद्रोही तत्वों के समर्थन में जाकर खड़े हो गए थे, तब भी राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा गया था।

9- अक्टूबर 2017 में राहुल गांधी ने आरएसएस और महिलाओं को लेकर कहा था कि उन्होंने आरएसएस की शाखाओं में कभी महिलाओं को शॉर्ट्स पहने नहीं देखा। आरएसएस महिलाओं के साथ भेदभाव करता है।

राहुल गांधी देशभर में मानहानि के कई मामलों का सामना कर रहे हैं। उनमें से ज्यादातर आपराधिक मानहानि के मामले हैं।

-सबसे प्रसिद्ध मामला जहां राहुल गांधी जमानत पर बाहर हैं, वह नेशनल हेराल्ड मामला है। राहुल गांधी को उनकी मां सोनिया गांधी के साथ दिसंबर 2015 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर मामले में 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई थी।

-6 जुलाई 2019 को, राहुल गांधी को पटना की एक अदालत ने मानहानि के एक अन्य मामले में जमानत दी थी। यह मामला भाजपा नेता सुशील मोदी ने अपनी टिप्पणी के लिए दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि सभी मोदी चोर हैं।

-12 जुलाई 2019 को राहुल गांधी को मानहानि के मामले में अहमदाबाद की एक अदालत ने जमानत दी थी। यह मामला अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक द्वारा दर्ज किया गया था, जब उन्होंने आरोप लगाया था कि बैंक विमुद्रीकरण के दौरान नोटों की अदला-बदली की गई।

-04 जुलाई 2019 को राहुल को मुंबई की एक अदालत ने आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा दायर मानहानि के मामले में जमानत दे दी थी। गौरी लंकेश की हत्या को भाजपा-आरएसएस विचारधारा से जोड़ने वाली उनकी टिप्पणी के लिए यह मामला दायर किया गया था। जमानत 15 हजार रुपये के मुचलके पर दी गई।

-नवंबर 2016 में, महाराष्ट्र की भिवंडी अदालत ने आरएसएस के एक अन्य कार्यकर्ता द्वारा दायर एक अन्य मामले में गांधी को जमानत दे दी थी। राहुल गांधी ने कहा था कि संघ ने महात्मा गांधी की हत्या की है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें इस तरह की टिप्पणी के लिए फटकार लगाई थी, और फैसला सुनाया था कि उन्हें मुकदमे का सामना करना होगा और अदालत में अपनी बात साबित करनी होगी।

-आरएसएस द्वारा मानहानि के एक और मामले में गुवाहाटी कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी है। सितंबर 2016 में 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई थी। राहुल के झूठ बोलने के बाद मामला दायर किया गया था कि उन्हें आरएसएस द्वारा दिसंबर 2015 में असम के बारपेटा सतरा में प्रवेश करने से रोका गया था।

AUTHOR :Parul Kumari

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