तुअर दाल
केंद्र सरकार ने तुअर दाल की कीमतों को सामान्य रखने के अपने प्रयासों को और बढ़ा दिया है। अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता के बीच उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने खुदरा विक्रेताओं को निर्देश दिया कि वे दालों विशेषकर अरहर दाल पर अपना अनुचित स्तर तक लाभ मार्जिन न रखें।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने शुक्रवार को रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) और प्रमुख संगठित खुदरा विक्रेताओं के साथ एक बैठक में यह निर्देश दिया। उपभोक्ता मामलों के सचिव ने इस बैठक में उन्हें खुदरा मार्जिन को इस तरह से निर्धारित करने के लिए कहा कि घरों में दालों की खपत की संरचना मूल्य वृद्धि से प्रभावित न हो।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि रोहित कुमार सिंह ने खुदरा विक्रेताओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दालों, विशेष रूप से तुअर (अरहर) दाल के लिए खुदरा मार्जिन को अनुचित स्तर पर नहीं रखा जाए। मंत्रालय के मुताबिक खुदरा उद्योग के कारोबारियों ने सरकार के साथ पूर्ण सहयोग करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। साथ ही आश्वासन दिया कि दालों की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल के दौरान देश में तुअर दाल का औसत खुदरा मूल्य 11.12 फीसदी बढ़कर 115 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। कृषि मंत्रालय के दूसरे अनुमान के मुताबिक तुअर दाल का उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में तीन करोड़ 66.6 लाख टन कम रहने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह उत्पादन चार करोड़ 22 लाख टन का हुआ था।
उल्लेखनीय है कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत कुछ मात्रा में तुअर दाल का आयात करता है। हालांकि, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए विभाग, व्यापारियों और आयातकों के स्टॉक खुलासे पर कड़ी नजर रख रहा है।