पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) पर आधारित दो दिवसीय पांचवीं क्षेत्रीय कार्यशाला
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) पर आधारित दो दिवसीय पांचवीं क्षेत्रीय कार्यशाला का समापन हुआ। चौकाघाट स्थित गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल सभागार में आयोजित कार्यशाला के अन्तिम दिन केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की विशेष सचिव सुमिता डावरा ने लॉजिस्टिक नीतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य रियायती शर्तों पर आसान वित्तीय पहुंच की सुविधा के लिए लॉजिस्टिक्स को ‘उद्योग’ का दर्जा देने पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने राज्यों से आह्वान किया कि वे पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों पर जागरुकता पैदा करने और एक कुशल लाॅजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अंतर-विभागीय बैठकें आयोजित करें। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सिस्टम दोनों के लिए जरूरी हस्तक्षेपों को समझने के लिए निवेशकों और क्षेत्रीय व्यापार संघों के साथ बातचीत करें।
-लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए कार्य योजना बनायें
सुमिता डावरा ने कार्यशाला में कहा कि राज्य कुशल माल प्रवाह प्रबंधन के लिए शहर रसद समितियों की स्थापना करें और शहर रसद योजनाओं का विकास करें। लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए, जिसमें मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित हस्तक्षेप करने के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की विधिवत पहचान की जाए।
विशेष सचिव ने कहा कि लॉजिस्टिक्स में मानव संसाधन विकास, कौशल और क्षमता निर्माण के लिए विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में लाॅजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला को शामिल किया जाए। गोदामों, एकीकृत जांच चौकियों, भूमि कस्टम स्टेशनों, तापमान नियंत्रित सुविधाओं के विकास को सुगम बनाने के लिए विनिर्माण क्लस्टरों के साथ एकीकृत लॉजिस्टिक्स पार्कों का विकास किया जाए। उन्होंने कहा कि आर्थिक केंद्रों को विकसित करने के लिए क्लस्टर आधारित क्षेत्र नजरिया और अंतर्देशीय जलमार्ग कनेक्टिविटी का लाभ उठाकर आर्थिक गलियारों को मजबूत किया जा सकता है।
अगले 10-15 वर्षों के लिए लाॅजिस्टिक्स दक्षता का मैपिंग कराये
सुमिता डावरा ने कहा कि अगले 10-15 वर्षों के लिए लाॅजिस्टिक्स दक्षता के लिए मांग आधारित दृष्टिकोण रखने के लिए माल प्रवाह की मैपिंग की जाए। लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ावा देने के समाधान के लिए स्टार्ट-अप्स को शामिल करना चाहिए। लॉजिस्टिक इको सिस्टम की योजना बनाते समय प्रौद्योगिकी और हरित पहल का उपयोग करें, जिसमें नए भारत के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की योजना बनाना और एक कुशल लॉजिस्टिक इकोसिस्टम विकसित करना शामिल होगा।
कार्यशाला में डीपीआईआईटी सचिव अनुराग जैन ने बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक क्षेत्र के निर्णय लेने के लिए एकीकृत योजना के लिए राज्यों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने राज्य लाजिस्टिक नीतियों (एसएलपी) को सामने लाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पीएम गतिशक्ति को जिला और ग्राम पंचायत स्तर तक ले जाने का आग्रह किया।
इसके पहले, कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, ओडिशा, बिहार और पश्चिम बंगाल ने राज्य लॉजिस्टिक्स नीतियों (एसएलपी) पर आधारित प्रस्तुतियां दीं। दो दिवसीय कार्यशाला में केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 120 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला के पहले दिन की थीम पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) और दूसरे दिन की थीम राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति (एनएलपी) थी।