गुजराज हाईकोर्ट
सूरत के कतारगाम क्षेत्र में पिछले साल दिसंबर में 7 साल की बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में अदालत ने आरोपित को कसूरवार ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है। सरकारी वकील ने दलील में कैपिटल पनिशमेंट की सजा की मांग कर कहा था कि आरोपित ने बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या की और बाद में भरपेट भोजन भी किया। घटना को लेकर उसके मन में तनिक भी अफसोस नहीं था। इसलिए अदालत उसे कड़ी से कड़ी सजा दें जिससे यह केस उदाहरणस्वरूप बन जाए। दलील पूरी होने के बाद अदालत ने आरोपित को फांसी की सजा सुनाई। साथ ही पीड़िता के परिजन को 23.50 लाख मुआवजा देने का फैसला दिया। पुलिस और अदालती कार्रवाई में तेजी लाकर घटना के महज 75 दिन में फैसला दे दिया गया।
कतारगाम के वेडरोड में पिछले साल 7 दिसंबर को 6 वर्ष और 8 महीने की बालिका के साथ मुकेश पंचाल (42) ने दुष्कर्म किया और बाद में बालिका का गला दबाकर हत्या कर दिया। हत्या के बाद प्लॉस्टिक की थैली में शव को पैक कर उसके घर में रख दिया। बालिका की माता जब अपनी पुत्री की खोजबीन कर रही थी तो मुकेश बालिका के यही कही होने की बात कहकर माता के साथ क्रूर मजाक भी कर रहा था। सरकारी वकील नयन सुखडवाला ने इन सब बातों का साक्ष्य कोर्ट में पेश किया। सुखडवाला ने कोर्ट में बताया कि आरोपित ने बच्ची को श्वान को बिस्किट खिलाने का लोभ देकर अपने साथ ले गया था। बाद में उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के चीखने-चिल्लाने का भी उस पर कोई असर नहीं हुआ, उसे दया नहीं आई। बाद में उसने बच्ची का मुंह दबाकर शांत कर दिया। बाद में जब घटना का खुलासा हुआ तो पुलिस ने तत्काल आरोपित को गिरफ्तार कर साक्ष्यों और सबूतों को इकट्ठा कर आरोपित के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। पुलिस की तत्परता के कारण आरोपित को कोर्ट ने पहले दोषी ठहराया और फिर शुक्रवार को देर शाम फांसी की सजा सुनाई।