दक्षिण कोरिया के 90 संतों और अन्य धर्मावलम्बियों वाला 108 लोगों का दल
पैदल यात्रा के जरिये लोगों को शांति व अहिंसा का संदेश देने वाला दक्षिण कोरिया के 90 संतों और अन्य धर्मावलम्बियों वाला 108 लोगों का दल बुधवार को सिद्धार्थनगर पहुंचा। यह दल ककरहवा के रास्ते सिद्धार्थनगर जिले में पहुंचा। ककरहवा, बर्डपुर होते हुए कपिलवस्तु पहुंचकर स्तूप का दर्शन-पूजन किया। धर्मसभा कर शांति का संदेश दिया।
बता दें कि भारत-दक्षिण कोरिया के राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने पर संतों की यह यात्रा निकली है। बुधवार को संतों का दल गौतम बुद्ध जन्मस्थली लुंबिनी (नेपाल) से निकलकर उनकी क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु में प्रवेश कर गया।
यहां जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कोरियाई संत छासुंग सहित प्रमुख संतों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। फिर, संतों ने स्तूप के पीछे गनवरिया में बुद्ध के पिता महराज शुद्धोधन के महल व सलारगढ़ के अस्तबल भग्नावशेष देखा। मझौली सागर का मनोरम दृश्य देख वहां से लौटे कोरियाई संतों ने धर्मसभा का आयोजन किया। लोगों को शांति का संदेश दिया। कोरियाई दल आज की रात कपिवलस्तु में बने विशेष टेंट में विश्राम करेगा।