रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू संभाग के राजौरी जिले में तैनात जवानों से बातचीत की और स्पष्ट संदेश दिया कि सैनिकों की हत्या में शामिल आतंकियों का पता लगाया जाएगा और जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
राजनाथ सिंह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सेना प्रमुख मनोज पांडे के साथ राजौरी में सेना के डिवीजन मुख्यालय पहुंचे थे। जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) उत्तरी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और फील्ड कमांडरों ने रक्षा मंत्री को कंडी वन क्षेत्र और राजौरी और पुंछ जिलों के अन्य क्षेत्रों में आतंकियों के खिलाफ चल रहे अभियान के बारे में जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान स्पष्ट संदेश दिया कि सैनिकों को मारने वाले आतंकियों को हर कीमत पर खोजा जाएगा। राजनाथ सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। रक्षा मंत्री ने जम्मू लौटने से पहले जम्मू-कश्मीर, खासकर राजौरी और पुंछ में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की। राजौरी से वापस जम्मू के लिए उड़ान भरने के बाद रक्षा मंत्री नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
वहीं इससे पहले शनिवार सुबह रक्षा मंत्री के जम्मू पहुंचने पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने उनका स्वागत किया। जिसके कुछ ही देर बाद वह राजौरी के लिए रवाना हो गए। रक्षा मंत्री के दौरे के दौरान उनके साथ उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, कॉर्प्स कमांडर व्हाइट नाइट कॉर्प्स और जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर भी मौजूद रहे। इससे पहले दिन में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने मुठभेड़ स्थल का दौरा किया और उन्हें ग्राउंड कमांडरों द्वारा चल रहे ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ के घटनाक्रमों की जानकारी दी गई।
इससे पहले शुक्रवार को राजौरी जिले के कंडी वन क्षेत्र में हुई एक मुठभेड़ के दौरान आतंकियों द्वारा किए गए विस्फोट में सेना के पांच पैरा कमांडो ने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था। आतंकियों के खिलाफ जारी अभियान में सेना ने शनिवार सुबह एक आतंकी को मार गिराया, जबकि एक अन्य के घायल होने की संभावना है। क्षेत्र में सुरक्षाबलों का अभियान जारी है।
उल्लेखनीय है कि आतंकियों द्वारा अक्टूबर 2021 से अब तक किए गए आठ हमलों में 26 सुरक्षाकर्मी बलिदान हुए हैं, जबकि नौ लोगों की मौत हुई है। जम्मू में राजौरी और पुंछ, जिन्हें एक दशक से अधिक समय पहले आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया था लेकिन पिछले 18 महीनों में आतंकियों द्वारा किए गए घातक हमलों से अब यहां दहशत का माहौल है।
राजौरी के कंडी वन क्षेत्र में पांच जवानों का बलिदान इस साल की तीसरी बड़ी घटना है। यह ऐसे समय में हुआ जब भाटा धूलियां (पुंछ) में सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद सेना पिछले 15 दिनों से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान में लगी हुई थी।
20 अप्रैल को इफ्तार के लिए फल और सब्जियां ले जा रहे सेना के एक ट्रक पर आतंकियों द्वारा किए गए हमले में पांच जवान बलिदान हो गए थे और एक अन्य घायल हो गया था। घटना के मद्देनजर तलाशी अभियान के दौरान 250 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को पूरा समर्थन देने वाले छह सक्रिय कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।