मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी सरकार के तीन साल परीक्षा की कठिन घड़ी के थे। पहले और दूसरे साल में हमने कोविड के महासंकट का सामना किया। इस दायित्व के साथ हमने मध्यप्रदेश के विकास की गति को भी रुकने नहीं दिया। प्रशासन, जनता और सरकार ने जन-प्रतिनिधियों के साथ मिल कर कोविड की चुनौती का मुकाबला किया।
मुख्यमंत्री चौहान अपनी सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर बुधवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में भी राज्य सरकार ने किसानों के फसल बीमा प्रीमियम की 200 करोड़ रुपये की राशि जमा की। किसान-कल्याण के लिए सक्रिय रहने के साथ हमने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का सपना देखा और इसके लिए अधोसंरचना, सड़कों का जाल फैलाने तथा हाईवेज के अंतर्गत अटल एक्सप्रेस-वे, नर्मदा एक्सप्रेस-वे की योजना बनी। इसी क्रम में विंध्य एक्सप्रेस-वे की योजना भी शामिल है। प्रदेश में चार लाख किलोमीटर सड़कें बनकर तैयार हैं।
14 जगह रोप-वे की योजना तैयार
चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश में सिंचाई की अनेक परियोजनाओं का शुभारंभ किया। प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर सिंचाई की व्यवस्था करने के बाद अब हमारे कदम 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था स्थापित करने की ओर अग्रसर हैं। बिजली के उत्पादन को बढ़ा कर हमने 28 हजार मेगावाट की उपलब्धता कर दी है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी हम तेजी से काम कर रहे हैं। आकाश मार्ग का उपयोग करने के लिए 14 जगह रोप-वे निर्माण की योजना बन कर तैयार है। उज्जैन में कार्य आरंभ होने वाला है।
प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का बिछ रहा जाल
उन्होंने कहा कि हमने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी क्रांति करने का फैसला किया। सीएम राइज स्कूल के रूप में गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को उत्कृष्ट विद्यालय देने का हमारा अभियान चला। शिक्षा की गुणवत्ता ठीक करने के लिए नई शिक्षा नीति लागू की गई। मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में एक के बाद एक मेडिकल कॉलेज आरंभ हो रहे हैं। आयुष्मान कार्ड बनाने में हम देश में प्रथम स्थान पर पहुँच चुके हैं।
शहरी-ग्रामीण विकास और पर्यटन में उपलब्धियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी विकास, ग्रामीण विकास और पर्यटन के क्षेत्र में भी हमने उपलब्धियां अर्जित की हैं। टाइगर, लेपर्ड, वल्चर और घड़ियाल स्टेट होने का गौरव तो हमें पहले से ही प्राप्त था। मध्यप्रदेश अब चीता स्टेट भी बन गया है। मध्यप्रदेश में पर्यटन को नई ऊंचाइयां प्राप्त हुई हैं।
अर्थ-व्यवस्था और रोजगार में रिकार्ड स्थापित
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और रोजगार की दृष्टि से देखे तो हमने नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। लगभग 1 लाख 24 हजार शासकीय नौकरियाँ निकली हैं, जिनमें भर्ती का अभियान लगातार चल रहा है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में एक लाख युवाओं को हर साल स्व-रोजगार के लिए धन उपलब्ध कराया जा रहा है। लगभग ढाई लाख लोगों को बैंकों से जोड़ कर रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। एक नई योजना भी आरंभ की गई है, जिसमें एक लाख युवाओं को "लर्न एंड अर्न" में काम करना सीखने और राशि प्राप्त करने के अवसर उालब्ध कराने के लिए बजट में एक हजार करोड़ रूपये का प्रावधान कर अभियान चलाया गया है।
3 लाख 14 हजार करोड़ का है प्रदेश का बजट
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बहन-बेटियों की दृष्टि से भी क्रांति हुई है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना जैसी क्रांतिकारी योजनाएँ बनी, लाड़ली लक्ष्मी बेटियों के लिए भी अलग अलग कई व्यवस्थाएँ की गई। सभी क्षेत्रों में विकास के साथ किसान, युवा, माताओं और बहनों के कल्याण के लिए कार्य हुए हैं। गरीब-कल्याण में 91 लाख नए नाम अनेक हितग्राही मूलक योजनाओं में जुड़े हैं। प्रदेश में विकास और जन-कल्याण का महायज्ञ चल रहा है। हमारा बजट अब बढ़ कर 3 लाख 14 हजार करोड रुपये हो चुका है। पर कैपिटा इनकम जो कभी 11 हजार रुपये होती थी, अब बढ़कर एक लाख 40 हजार रुपये पहुँच गई है। जीएसडीपी का आकार लगातार बढ़ रहा है, जो कभी 71 करोड़ था आज बढ़कर 13 लाख करोड़ को पार कर गया है। इन तीन कठिन सालों में मध्यप्रदेश में हम सभी दिशाओं में प्रगति और विकास करने में सफल रहे हैं।