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कुंतल और शांतनु को तृणमूल ने पार्टी से निकाला

कुंतल घोष और शांतनु बनर्जी

भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस अलग-अलग नेताओं के लिए अलग-अलग रुख अख्तियार कर रही है। भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को पार्टी से निकालने के बाद अब इसी मामले में हाल ही में गिरफ्तार किए गए कुंतल घोष और शांतनु बनर्जी को भी मंगलवार पार्टी से निकाल दिया गया है। हालांकि इसी मामले में गिरफ्तार पार्टी के विधायक और प्राथमिक शिक्षा के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य पर पार्टी ने लंबे समय से खामोशी रखी है। मंगलवार अपराह्न के समय पार्टी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्य प्रवक्ता और मंत्री शशि पांजा ने यह घोषणा की। उनके साथ शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु भी बैठे थे। पांजा ने कहा, "हम लोग हमेशा कहते आए हैं कि नियुक्ति भ्रष्टाचार का समाधान होना चाहिए। जो लोग इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं उन्हें किसी भी तरह से बख्शा नहीं जाएगा।"

हालांकि नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार माणिक भट्टाचार्य और मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार बीरभूम जिले के बाहुबली तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल के संबंध में पूछे गए सवाल को वे टाल गए। उन्होंने कहा, "तृणमूल कभी भी दोषियों का समर्थन नहीं करती। हमलोग चाहते हैं कि इस भ्रष्टाचार की जांच में और तेजी आए। यही अंतर है तृणमूल और बाकी पार्टियों में।"

इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उसमें भ्रष्ट लोग बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा का जिक्र करते हुए शशि पांजा ने कहा कि अमित शाह को ये दोनों चिटफंड मामले में दोषी नहीं दिखाई देते। दावा किया जा रहा है कि नियुक्ति भ्रष्टाचार 350 सौ करोड़ रुपये का है। इसमें शुभेंदु की सिफारिश के अवैध शिक्षक भी हैं लेकिन उस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। पांजा ने कहा कि किन-किन लोगों को भाजपा के संपर्क वाले नेताओं की सिफारिश पर नियुक्ति की गई है इसकी पूरी सूची जारी की जाएगी। इसमें 51 लोगों का नाम है।

हालांकि उन्होंने यह भी दुहराया है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही तृणमूल नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर परेशान करने की कोशिश हो रही है। यह हिंसा की राजनीत है। वह राजनीतिक तौर पर लड़ नहीं सकते, विकास के मामले में भी कोई मुकाबला नहीं कर सकते इसीलिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं।

AUTHOR :Parul Kumari

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