त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा
महानगर कोलकाता पहुंचे त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा है कि भाजपा ने जिस तरह त्रिपुरा में जीत का परचम लहराया है, उसी तरह से अब बंगाल फतह की बारी है। नेशनल लाइब्रेरी के भाषा भवन प्रेक्षागृह में उन्हें सम्मानित करने के लिए प्रदेश भाजपा की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के अलावा पार्टी के अन्य नेता उपस्थित थे। इस दौरान माणिक साहा ने कहा कि बंगाल और त्रिपुरा दोनों बांग्ला भाषी राज्य हैं लेकिन हाल में दोनों राज्यों के बीच दूरी बढ़ गई है। इसकी वजह भौगोलिक नहीं बल्कि राजनीतिक है।
"एक भारत, श्रेष्ठ भारत" विषय के साथ आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तृणमूल ने कई बार त्रिपुरा जाने की कोशिश की लेकिन जनता ने उन्हें सबक सिखाया। इस बार तो नोटा से भी कम वोट मिले। वहां भाजपा की सरकार थी इसीलिए चुनाव के समय कहीं भी छप्पा वोटिंग नहीं हुई। चुनाव के पहले या बाद में कोई भी पॉलिटिकल हत्या नहीं हुई। गुंडे सरकार के पास समर्पण कर रहे हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है? यहां तुष्टिकरण की राजनीति है। भाजपा को यहां गढ़ मजबूत करना होगा। प्रत्येक मतदान केंद्र को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से त्रिपुरा में पार्टी ने जीत हासिल की है उसी तरह से बंगाल में भी फतह हासिल करेंगे।
यहां संबोधन करते हुए भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा कि माणिक जैसे जमीन से जुड़े हुए शख्स का भाजपा में होना इसकी स्वीकार्यता को दिखाने वाला है।
सुकांत ने कहा कि कुछ लोग देश की अखंडता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के लोगों को एकजुट करने के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना की। देश राष्ट्रीयता के बंधन में एकजुट हो रहा है। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के रिश्ते त्रिपुरा से बहुत अच्छे थे। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार लगातार वहां विकास कार्यों को अंजाम दे रही है।